नई दिल्लीः किसानों की मांगों को लेकर मोदी सरकार पर हमलावर कांग्रेस ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में दाखिल किये हलफ़नामे में गलत जानकारियाँ दे कर अदालत को गुमराह किया है।
इस हमले के बीच राहुल गाँधी ने भी मोदी सरकार को आड़े हाथों लेते हुये ट्वीट किया कि 60 से ज़्यादा अन्नदाता की शहादत से मोदी सरकार शर्मिंदा नहीं हुई लेकिन ट्रैक्टर रैली से इन्हें शर्मिंदगी हो रही है! कांग्रेस ने अदालत को गुमराह करने के अपने आरोप को साबित करने के लिये सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी को साझा किया, जिसमें पूछा गया था कि अध्यादेश और कानून लाने से पहले सरकार ने तीनों क़ानूनों को लेकर कब, कितनी बार और किस किस से परामर्श किया था।
आरटीआई के जबाब में बताया गया कि सरकार के पास इसका कोई रिकॉर्ड नहीं है, जबकि हलफ़नामे में सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय को बताया की उसने पिछले कई वर्षों तक इन क़ानूनों को लेकर परामर्श किया है। कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने इसे सरासर झूठ बताते हुये दलील दी कि 2003और 2013 में जो सुझाव आये यह सरकार उसे परामर्श बता रही है जबकि सच्चाई यह है कि इन सुझावों साफ़ इशारा किया गया था कि ऐसा क़ानून बनाने का अधिकार राज्यों के पास है केंद्र केवल प्रस्तावित कर सकता है।
लेकिन अध्यादेश लाने और क़ानून बनाने से पहले सरकार ने कोई परामर्श किया ही नहीं था। उल्लेखनीय है कि कृषि कानूनों के विरोध में किसान संगठन पिछले करीब 50 दिनों से दिल्ली के निकट विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार और किसान संगठनों के बीच अब तक बातचीत बेनतीजा रही है।