नई दिल्ली, 2 जून: देश में हाल ही में हुए 4 लोकसभा और 10 विधानसभा सीटों पर बीजेपी को मिली हार के बाद राजनीतिक गलियारों में आप और कांग्रेस पार्टी की साथ आने की चर्चा हो रही है। दोनों पार्टियों के नेताए एक-दूसरे की तारीफों में लगे हुए हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हाल में जहां पूर्व पीएम डॉ मनमोहन सिंह की तारीफ की है तो आप नेता दिलीप पांडे ने तो इतना तक कह दिया कि कांग्रेस नेता पार्टी के संपर्क में हैं।
सूत्रों के मुताबिक 2019 में मोदी लहर को रोकने के लिए आप और कांग्रेस में कुछ न कुछ तो जरूर चल रहा है। कयास तो यही लगाए जा रहे हैं कि दिल्ली में आप और कांग्रेस एक साथ जरूर आएगी। लेकिन इनके गठबंधन पर जो बात अटकेगी, वह सीटों के लेकर। कांग्रेस जितनी सीटें मांग रहे हैं, आप उतना देने को तैयार नहीं है।
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हालांकि आप से जुड़े सूत्रों का कहना है कि दिल्ली में किसी भी सूरत में आम आदमी पार्टी गठबंधन नहीं करेगी। पार्टी सूत्रों के मुताबिक इस समय पार्टी का सबसे मजबूत और इकलौता राज्य दिल्ली ही है ऐसे में वह इसको दूसरे के साथ कैसे बांट सकती है। पार्टी अरविंद केजरीवाल सरकार के कामकाज के आधार पर दिल्ली की सभी सातों लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस 3 सीटों के कथित ऑफर की बात कर रही है लेकिन आप पार्टी कांग्रेस को एक ही सीट देने की बात कह रहे हैं। लेकिन राजनीति के जानकारों का कहना है कि अगर बीजेपी को हराना है तो कांग्रेस और आप को साथ आना ही होगा। हालांकि समझौता किस तरह होगा और कैसे होगा, ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा।
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