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भारतीय जर्नलिस्ट और एक्टिविस्ट की जासूसी से कांग्रेस चिंतित, कहा- तत्काल संज्ञान ले न्यायालय

By भाषा | Updated: October 31, 2019 14:51 IST

पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह भी दावा किया कि ‘अपने ही नागरिकों के साथ अपराधियों की तरह व्यवहार करने वाली यह सरकार’ इस देश का नेतृत्व करने का नैतिक अधिकार खो चुकी है।

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ठळक मुद्देसुरजेवाला ने ट्वीट कर आरोप लगाया, ‘‘मोदी सरकार जासूसी करते पकड़ी गई है।''उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय को इस पर तत्काल संज्ञान लेना चाहिए।

भारतीय पत्रकारों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं की जासूसी से जुड़े खुलासे के बाद कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला और उच्चतम न्यायालय से आग्रह किया कि वह इस मामले पर तत्काल स्वत: संज्ञान ले एवं सरकार को जवाबदेह ठहराए। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह भी दावा किया कि ‘अपने ही नागरिकों के साथ अपराधियों की तरह व्यवहार करने वाली यह सरकार’ इस देश का नेतृत्व करने का नैतिक अधिकार खो चुकी है।

सुरजेवाला ने ट्वीट कर आरोप लगाया, ‘‘मोदी सरकार जासूसी करते पकड़ी गई है। चिंताजनक है, लेकिन हैरान करने वाली बात नहीं है। आखिरकार भाजपा सरकार हमारी निजता के खिलाफ लड़ी, करोड़ों रुपये का निगरानी ढांचा बनाया।’’ उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय को इस पर तत्काल संज्ञान लेना चाहिए और भाजपा सरकार को नोटिस जारी करना चाहिए। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘ पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और विपक्षी नेताओं की जासूसी कराने वाली और अपने ही नागरिकों के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार करने वाली सरकार हमारे लोकतंत्र में नेतृत्व करने का अधिकार खो चुकी है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम उच्चतम न्यायालय से आग्रह करते हैं कि वह इन गैरकानूनी गतिविधियों का स्वत: संज्ञान ले और इस सरकार को जवाबदेह ठहराए।’’ दरअसल, फेसबुक के स्वामित्व वाली कंपनी व्हॉट्सएप ने कहा है कि इजरायल स्पाईवेयर ‘पेगासस’ के जरिये कुछ अज्ञात इकाइयां वैश्विक स्तर पर जासूसी कर रही हैं। भारतीय पत्रकार और मानवाधिकार कार्यकर्ता भी इस जासूसी का शिकार बने हैं। व्हॉट्सएप ने कहा है कि वह एनएसओ समूह के खिलाफ मुकदमा करने जा रही है।

यह इजरायल की निगरानी करने वाली कंपनी है। समझा जाता है कि इसी कंपनी ने वह प्रौद्योगिकी विकसित की है जिसके जरिये अज्ञात इकाइयों ने जासूसी के लिए करीब 1,400 लोगों के फोन हैक किए हैं। चार महाद्वीपों के उपयोगकर्ता इस जासूसी का शिकार बने हैं। इनमें राजनयिक, राजनीतिक विरोधी, पत्रकार और वरिष्ठ सरकारी अधिकारी शामिल हैं। हालांकि, व्हॉट्सएप ने यह खुलासा नहीं किया है कि किसके कहने पर पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के फोन हैक किए गए हैं।

टॅग्स :भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेसव्हाट्सऐपइजराइल
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