लखनऊ, 26 मार्च; राज्यसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) उम्मीदवार भीमराव अंबेडकर की हार के बाद पार्टी सुप्रीमो मायावती सोमवार 26 मार्च को पार्टी की बैठक बुलाई है। बैठक पार्टी ऑफिस लखनऊ में हो रही है। मायावती ने यहां बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, ये लोग बार-बार अम्बेडकर के नाम का नाम का जिक्र करते हैं और लेकिन उन वर्गों से जुड़े लोगों पर ही हमला करते हैं।
मायवती ने कहा कि अम्बेडकर नाम के जुगाड़ को वह बार-बार चुनाव जीतने के लिए करते हैं। इसी वजह से बसपा ने राज्यसभा चुनाव में भीमराव अंबेडकर नाम के प्रत्याशी को उतारा था। लेकिन बीजेपी ने उसे हराने के लिए भी एक अतिरिक्त कैंडिडेट उतार दिया था।
मायावती ने यहां मन की बात में अंबेडकर जी के बारे में कहा लेकिन उनकी मानसिकता अंबेडकर के विचारों से बिल्कुल ही अलग है। यही कारण है कि पिछले कई वर्षों में भाजपा और आरएसएस को सत्ता से दूर रखा गया। मायावती ने सपा-बसपा गठबंधन पर कहा कि हम दोनों अपने स्वार्थ को पूरा करने के लिए एक साथ नहीं आए हैं बल्कि भाजपा के कुशासन को खत्म करने के लिए एकजुट हुए हैं। मायावती ने आगे कहा, शासन के 4.5 वर्षों में भाजपा ने केवल विशेषकर दलितों के लिए नाटक किया है।
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इस बैठक से ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि 2019 लोकसभा चुनाव में बीजेपी के खिलाफ मुकाबला करने के लिए सपा-बसपा एक साथ आ सकते हैं। उपचुनाव में दोनों सीटों पर साथ आने का फायदा भी मिला है। दोनों पार्टियों के पास अपने-अपने मजबूत वोट बैंक है। ऐसे में सपा-बसपा के बीच गठबंधन होता है तो बीजेपी के लिए 2019 लोकसभा चुनाव की राह आसान नहीं होगी।