Bihar assembly elections 2020: UPA से अलग हुए उपेंद्र कुशवाहा, BSP के साथ लड़ेंगे चुनाव, रालोसपा प्रमुख को मायावती का सहारा

By एस पी सिन्हा | Published: September 29, 2020 04:18 PM2020-09-29T16:18:03+5:302020-09-29T16:54:28+5:30

तेजस्वी यादव के नेतृत्व का विरोध कर महागठबंधन से खुद को अलग कर चुके उपेंद्र कुशवाहा को अब विधानसभा चुनाव में मायावती का सहारा मिला है. रालोसपा प्रमुख उपेन्द्र कुशवाहा ने आज इसका ऐलान कर दिया है. उन्होंने नया मोर्चा बना लिया है.

Bihar assembly elections 2020 Rashtriya Lok Samta Party fight elections Bahujan Samaj Party and Janwadi Party Socialist | Bihar assembly elections 2020: UPA से अलग हुए उपेंद्र कुशवाहा, BSP के साथ लड़ेंगे चुनाव, रालोसपा प्रमुख को मायावती का सहारा

कुशवाहा ने कहा कि विधानसभा चुनाव में भाजपा और राजद दोनों मिलकर काम कर रहे हैं. दोनों के अंदर ही अंदर गठबंधन हुआ है. (photo-ani)

Highlightsकुशवाहा ने जो नया मोर्चा बनाया है उसमें तीन दल शामिल हैं. उपेन्द्र कुशवाहा ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इस बात का ऐलान किया. बसपा के राष्ट्रीय संयोजक रामजी राम गौतम और भरत प्रसाद बिंद भी मौजदू रहे.बीएसपी के साथ गठबंधन के अलावा इस मोर्चे में जनवादी सोशलिस्ट पार्टी भी शामिल हैं. 

पटनाः महागठबंधन से अलग होकर एनडीए में जाने की जुगत लगा रहे रालोसपा प्रमुख उपेन्द्र कुशवाहा को जब कही सहारा नहीं मिला तो बेसहारा कुशवाहा को मायावती का सहारा मिल गया है.

तेजस्वी यादव के नेतृत्व का विरोध कर महागठबंधन से खुद को अलग कर चुके उपेंद्र कुशवाहा को अब विधानसभा चुनाव में मायावती का सहारा मिला है. रालोसपा प्रमुख उपेन्द्र कुशवाहा ने आज इसका ऐलान कर दिया है. उन्होंने नया मोर्चा बना लिया है.

कुशवाहा ने जो नया मोर्चा बनाया है उसमें तीन दल शामिल हैं. उपेन्द्र कुशवाहा ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इस बात का ऐलान किया. इस दौरान बसपा के राष्ट्रीय संयोजक रामजी राम गौतम और भरत प्रसाद बिंद भी मौजदू रहे. बीएसपी के साथ गठबंधन के अलावा इस मोर्चे में जनवादी सोशलिस्ट पार्टी भी शामिल हैं. 

कुशवाहा ने कहा कि विधानसभा चुनाव में भाजपा और राजद दोनों मिलकर काम कर रहे हैं. दोनों के अंदर ही अंदर गठबंधन हुआ है. राजद के रवैया से चर्चा जोरों पर है. उन्होंने कहा कि वह बीएसपी के साथ उनका गठबंधन हो गया है. अब इस नए गठबंधन के साथ बिहार विधानसभा चुनाव के मैदान में होंगे. वह बिहार के बदलाव के लिए काम करेंगे.

कुशवाहा ने अबकी बार शिक्षा वाली सरकार का नारा दिया है

कुशवाहा ने अबकी बार शिक्षा वाली सरकार का नारा दिया है. उपेन्द्र कुशवाहा ने इस दौरान तेजस्वी और नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला. कुशवाहा ने कहा कि 15 साल पहले और आज के 15 साल वाले दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं. उन्होंने इशारों इशारों में तेजस्वी पर हमला करते हुए कहा है कि महागठबंधन में भी भाजपा का दखल है.

कुशवाहा का कहना है कि ऐसी चर्चा है कि किसी न किसी रूप में भाजपा महागठभंधन में भी अपनी पकड़ रखती है. उन्होंने नीतीश कुमार पर हमला करते हुए कहा कि नीतीश कुमार 15 साल पहले का चर्चा करते हैं, अपने काम का नहीं करते हैं. उन्होंने कहा कि लालू राज से तुलना कर फिर से सत्ता में आना चाहते हैं नीतीश कुमार. 

कुशवाहा ने महागठबंधन को फेल बताते हुए कहा कि फेल स्टूडेंट से प्रतियोगिता करना चाहते हैं नीतीश कुमार. कुशवाहा ने कहा कि आम भावना के साथ महागठबंधन के साथ थे, लेकिन जिस रूप से महागठबंधन चल रहा था, उसके साथ चलते रहे तो नीतीश कुमार के रवैया से बिहार को मुक्त नहीं करा पाते.

नीतीश कुमार ने कई बडे़-बडे़ वादे किए

बिहार के कुशासन से निकालना है. नीतीश कुमार ने कई बडे़-बडे़ वादे किए. लेकिन कुर्सी बचाने में सबकुछ खत्म कर दिए. उन्होंने कहा कि युवाओं को बेहतर शिक्षा मिलेगा तभी बेहतर रोजगार मिलेगा. आज पढे़ लिखे युवाओं को 5 हजार रुपए की नौकरी नहीं मिल पा रही है. नीतीश कुमार बार-बार कहते हैं कि भ्रष्टाचार से समझौता नहीं करेंगे, लेकिन वह पुरानी सरकार की राह पर चले पडे, उसी रास्ते पर चलते रहे.

लूटने का तरीका बदल लिया, अब अधिकारियों को सामने कर दिया गया है. आज बिना घूस के कोई काम नहीं होता है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार कहा करते थे कि भ्रष्टाचारियों के घरों में स्कूल और अस्पताल खुलवायेंगे. ऐसे में नीतीश कुमार यह बतायें कि कितने भ्रष्टाचारियों के घरों में स्कूल और अस्पताल खुलवाये?

कुशवाहा ने कहा कि नीतीश कुमार हर मोर्चा पर बिफल हैं. दलितों के साथ अत्याचार चरम पर है. लालू सरकार और नीतीश सरकार दोनों एक ही सिक्के के दोनों पहलू है. आज शिक्षा की स्थिति है उसको देख रहे हैं. 15 साल पहले कैसे शिक्षा होती थी? बिहार के मुख्यमंत्री रहते लालू प्रसाद यादव अपने दोनों बेटों को मैट्रिक पास तक नहीं करा पाए. रिजल्ट आपके सामने हैं. 

इसतरह से उपेन्द्र कुशवाहा अब मायावती के साथ मिलकर बिहार में हाथी की सवारी करेंगे. बता दें कि 2015 में विधानसभा का चुनाव कुशवाहा ने एनडीए के साथ मिलकर 23 सीटों पर चुनाव लड़ा था. लेकिन जीत उनको मात्र 2 सीटों पर मिली थी. 

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