उत्तर प्रदेश में दो साल बाद होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भीम आर्मी ने अभी से ताल ठोक दिया है। भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर ने कहा है कि वह 15 मार्च को राजनीतिक पार्टी का ऐलान करेंगे। उन्होंने आज ट्वीट कर लोगों से पार्टी के लिए नाम सुझाने की गुजारिश भी की है। भीम आर्मी के चुनावी मैदान में आ जाने से बसपा को मुश्किल खड़ी हो सकती है। अभी हाल ही में बसपा के तीन बड़े नेताओं ने भीम आर्मी की सदस्यता ली है। सूत्रों की मानें तो पार्टी का नाम तय होने के बाद आगे की रूपरेखा तैयार होगी।
जय भीम साथियों..आप सभी को पता है कि हमारे संघर्षों को एकजुट कर 15 मार्च को हम एक राजनीतिक पार्टी बनाने जा रहे है आप सभी साथियों से अपील है कि नाम के लिए सुझाव दें।— Chandra Shekhar Aazad (@BhimArmyChief) March 6, 2020
इससे पहले चंद्रशेखर कह चुके हैं कि 2022 का विधानसभा चुनाव रोचक होगा, तैयारियां जोरों पर हैं। उन्होंने कहा था कि देशभर में सीएए व एनआरसी के खिलाफ होने वाले आंदोलन में भीम आर्मी अहम भूमिका निभाएगी। बता दें कि बीते रविवार चंद्रशेखर लखनऊ में घंटाघर पर सीएए के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन में शामिल होने आए थे। लेकिन पुलिस ने उन्हें वहां जाने से रोक दिया था। चंद्रशेखर ने कहा था कि वह एससी, एसटी वर्ग के उत्थान के लिए काम कर रहे हैं।
भीम आर्मी में शामिल हुए बसपा के तीन नेता
बीते दिनों भीम आर्मी के प्रमुख की मौजूदी में लखनऊ बसपा के पूर्व जिलाध्यक्ष रामलखन चौरसिया, इजहारुक हक और अशोक कुमार चौधरी ने भीम आर्मी की सदस्यता ग्रहण की थी। इस मौके पर भीम आर्मी के प्रमुख ने कहा था कि वह संगठन को मजबूत करने में जुटे हुए हैं। बसपा के कई और नेता उनसे संपर्क में हैं। इसमें खासकर पश्चिमी यूपी के कई नेता हैं।