कांग्रेस के अंतरिम अध्यक्ष बनने के बाद सोनिया गांधी लगातार बैठक कर रही हैं। सोनिया गांधी इस मुद्दे पर पार्टी के बड़े नेताओं से मुलाकात कर संगठन को मजबूत कर रही हैं।
सोनिया गांधी ने सबसे पहले हरियाणा में जारी गतिरोध को खत्म किया। हरियाणा पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष अशोक तंवर और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा में गुटबाजी चरम पर थी। इसको खत्म कर सोनिया गांधी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी शैलजा के प्रदेश का नया अध्यक्ष बना दिया।
पंजाब में भी कैप्टन अमरेंदर सिंह और पूर्व पंजाब कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की गुटबाजी को खत्म किया। राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट में गुटबाजी को कम कर उन्होंने अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री बनाया।
अब दिल्ली की बारी है। सोनिया गांधी लगातार दिल्ली के वरिष्ठ नेता से मुलाकात कर रही हैं। दिल्ली में विधानसभा चुनाव बहुत जल्द है। ऐसे में सोनिया गांधी एक्शन के मूड में हैं। शीला दीक्षित के मौत के बाद दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष का पद खाली है। इधर दिल्ली कांग्रेस प्रभारी पीसी चाको ने भी इस्तीफे की पेशकश कर दी है।
चर्चा यह भी है कि पंजाब के पूर्व कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू, पूर्व सांसद और फिल्म अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा, शीला दीक्षित के पुत्र और पूर्व सांसद संदीप दीक्षित, दिल्ली कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली, अजय माकन, जयप्रकाश अग्रवाल और सुभाष चोपड़ा भी दौड़ में हैं। आज सोनिया गांधी ने अरविंदर सिंह लवली, अजय माकन, जयप्रकाश अग्रवाल और सुभाष चोपड़ा को अपने आवास पर चर्चा के लिए बुलाया भी था।
दिल्ली कांग्रेस के नेताओं की राय जानकर अध्यक्ष पर फैसला करेंगी सोनिया
कांग्रेस की दिल्ली इकाई के नये अध्यक्ष के चयन की कवायद तेज हो गई जब पार्टी के दिल्ली प्रभारी पीसी चाको ने पार्टी जिला अध्यक्षों के साथ कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी से मुलाकात की। सूत्रों के मुताबिक सोनिया अपने आवास पर चाको और जिला अध्यक्षों से अलग अलग मिलीं और इस दौरान नये प्रदेश अध्यक्ष के चयन को लेकर चर्चा हुई।
इस मुलाकात के बाद चाको ने बताया कि सोनिया ने उनसे कहा कि वह नए प्रदेश अध्यक्ष के चयन के संदर्भ में दिल्ली कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की राय जानकर उन्हें अवगत कराएं। उन्होंने कहा कि अगले दो-तीन दिनों में वह स्थानीय नेताओं से बात कर सोनिया से मिलेंगे।
उधर, सूत्रों का यह भी कहना है कि सोनिया आने वाले दिनों में दिल्ली कांग्रेस के दूसरे वरिष्ठ नेताओं से भी मुलाकात कर उनकी राय ले सकती हैं। पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का पिछले महीने निधन हो गया था, जिसके बाद से दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष का पद रिक्त है।
नये प्रदेश अध्यक्ष के लिए शीला के पुत्र एवं पूर्व सांसद संदीप दीक्षित, दिल्ली कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश लिलोठिया, पूर्व अध्यक्ष जयप्रकाश अग्रवाल एवं अजय माकन और वरिष्ठ नेता योगानंद शास्त्री सहित कई नेताओं के नामों की चर्चा चल रही है।
हाल में दिल्ली पीसीसी के अध्यक्ष पद के लिए नवजोत सिंह सिद्धू और शत्रुघ्न सिन्हा के नामों की भी चर्चा चली थी, हालांकि चाको ने स्पष्ट किया कि नया अध्यक्ष दिल्ली से ही होगा। कांग्रेस की दिल्ली इकाई के नए अध्यक्ष का चयन इस मायने में महत्वपूर्ण है कि अगले साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होना है तथा भाजपा और आम आदमी पार्टी की मौजूदगी में कांग्रेस राष्ट्रीय राजधानी में अपनी खोई जमीन वापस पाने के लिए संघर्ष कर रही है।
दीक्षित के बाद दिल्ली कांग्रेस के सामने नया नेता तलाशने की चुनौती
दिल्ली में विधानसभा चुनाव होने में कुछ ही महीने शेष हैं और ऐसे में पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के अचानक निधन से दिल्ली कांग्रेस के समक्ष एक ऐसे नेता की तलाश करने की चुनौती उत्पन्न हो गई है जो उनकी जिम्मेदारी संभाल सके।
दीक्षित के निधन के बाद अब दिल्ली कांग्रेस इकाई के सामने दो चुनौतियां हैं...नया नेता तलाशना और पार्टी में एकजुटता कायम करना। नए नेता को दिल्ली इकाई को एकजुट करने की चुनौती से भी जूझना पड़ सकता है। एक नेता ने कहा, ‘‘नेताओं की मौजूदा जमात में कोई भी दीक्षित की लोकप्रियता से मेल नहीं खाता है। तीन कार्यकारी अध्यक्षों हारुन युसूफ, देवेन्द्र यादव और राकेश लिलोठिया क्रमश: वरिष्ठ नेताओं जे पी अग्रवाल, ए के वालिया और सुभाष चोपड़ा से कनिष्ठ है।’’
नेता ने कहा, ‘‘दीक्षित के अचानक निधन से दिल्ली कांग्रेस बुरी तरह से प्रभावित हुई है जो इसके लिए पूरी तरह से तैयार नहीं थी।’’ वर्ष 2013 के बाद से हर प्रमुख चुनाव में तीसरे स्थान पर रह रही कांग्रेस को 2019 के लोकसभा चुनाव में दूसरे स्थान पर रहकर आम आदमी पार्टी कुछ हद तक किनारे करने में सफल रही थी और उसे कुछ उम्मीद दिखाई दी थी।
कांग्रेस पांच सीटों पर दूसरे स्थान पर रही थी। दीक्षित अगले वर्ष जनवरी-फरवरी में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी कर रही थीं। अब पार्टी को चुनाव से पहले संगठन का नेतृत्व करने के लिए एक नये नेता की तलाश करनी होगी। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस समिति के पूर्व प्रमुख अजय माकन ने स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दे दिया था।
दिल्ली कांग्रेस की एनएसयूआई के साथ बैठक, डुसू चुनाव में पूरी ताकत लगाएगा संगठन
कांग्रेस की दिल्ली इकाई ने बुधवार को पार्टी के छात्र संगठन एनएसयूआई के राष्ट्रीय पदाधिकारियों के साथ बैठक की जिसमें यह तय हुआ कि पार्टी का संगठन दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डुसू) के चुनाव में एनएसयूआई के लिए पूरी ताकत लगाएगा।
बैठक में दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के तीनों कार्यकारी अध्यक्ष राजेश लिलोठिया, हारून यूसुफ और देवेंद्र यादव, पार्टी के दिल्ली प्रभारी पीसी चाको, एनएसयूआई के अध्यक्ष नीरज कुंदन, एनएसयूआई की प्रभारी रुचि गुप्ता तथा कई अन्य पदाधिकारी शामिल हुए।
लिलोठिया ने बताया कि यह तय हुआ कि कांग्रेस का पूरा संगठन डुसू चुनाव में एनएसयूआई के लिए ताकत लगाएगा और ‘शिक्षा के भगवाकरण’, वीर सावरकर के महिमामंडन और बेरोजगारी के खिलाफ प्रचार अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली कांग्रेस के स्थानीय कार्यकर्ता अपने अपने इलाकों में भी एनएसयूआई के लिए काम करेंगे। डुसू चुनाव अगले महीने प्रस्तावित है। एनएसयूआई सितंबर के पहले सप्ताह में अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर सकता है।