नई दिल्लीः कोरोना वायरस महामारी से पस्त पड़ी अर्थव्यवस्था में नई जान डालने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को 20 लाख करोड़ रुपये के भारी भरमक प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की। इस बीच माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोला है और कहा है कि किसानों और मजदूरों को उनका हक चाहिए न कि भाषण।
सीताराम येचुरी ने ट्वीट कर कहा, 'भारत के किसान और मजदूर कभी भी किसी पर निर्भर नहीं थे। उन्होंने तो हमें पहले से ही अपने आप पर भरोसा करना सिखाया है। उन्हें भाषण नहीं, अपने हक चाहिए।'
आगे उन्होंने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, '4 घंटे में बिना किसी इंतजाम के किए गए लॉकडाउन ने मजदूरों से सिर्फ रोटी और आमदनी नहीं छीनी, उनकी गरिमा भी छीनी है। न्यूनतम आय रद्द करने के प्रस्ताव, उनके घावों पर नमक है।'
इससे पहले उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रवासी मजदूरों से जुड़े ज्वलंत मुद्दों और लाखों भारतीयों के समक्ष उत्पन्न भुखमरी जैसे मुद्दों का समाधान करने में विफल रहे। पार्टी की यह प्रतिक्रिया प्रधानमंत्री के राष्ट्र के नाम संबोधन और 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक राहत पैकेज की घोषणा के बाद आई। उन्होंने कहा कि यह नहीं बताया गया कि पैकेज का इस्तेमाल किस तरह किया जाएगा।
पीएम मोदी ने यह भी कहा कि 18 मई से लॉकडाउन का चौथा चरण भी लागू किया जाएगा पर यह पहले के तीन चरणों से काफी अलग होगा। लॉकडाउन का तीसरा चरण 17 मई को समाप्त होने जा रहा है। तीसरे चरण में भी कारोबारी गतिविधियों के मामले में कई तरह की रियायतें दी गई। लॉकडाउन के चौथे चरण के बारे में जानकारी 18 मई से पहले दे दी जाएगी।
मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेसिंग से संवाद में पीएम ने कहा था कि हमारे पास दोहरी चुनौती है - बीमारी के संक्रमण की दर को कम करना एवं सभी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए सार्वजनिक गतिविधियों को धीरे-धीरे बढ़ाना और हमें इन दोनों ही उद्देश्यों की पूर्ति करने की दिशा में काम करना होगा।
प्रधानमंत्री ने 19 मार्च को अपने संबोधन में 22 मार्च को जनता कर्फ्यू का आह्वान किया था। उन्होंने 24 मार्च को 21 दिनों के राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की थी। मोदी ने 14 अप्रैल को लॉकडाउन को तीन मई तक बढ़ाने की घोषणा की थी। इसके बाद गृह मंत्रालय ने लॉकडाउन को 17 मई तक बढ़ा दिया था।