Nepal Gen Z Protest: सुगलता नेपाल, पीएम केपी शर्मा ओली ने दिया इस्तीफा, युवाओं के विद्रोह से हालात बदतर
By अंजली चौहान | Updated: September 9, 2025 15:25 IST2025-09-09T15:10:21+5:302025-09-09T15:25:02+5:30

Nepal Gen Z Protest: नेपाल में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बंद करने के फैसले ने देश में हिसंक प्रदर्शन को जन्म दे दिया है। हजारों की संख्या में युवाओं ने नेपाल सरकार का विरोध करते हुए सड़कों पर हिसंक प्रदर्शन कर रहे हैं। नतीजतन नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। यह इस्तीफ़ा कल 'भ्रष्टाचार' और सोशल मीडिया पर प्रतिबंध के विरोध में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों में 19 लोगों की मौत और सुरक्षाकर्मियों सहित 100 से ज़्यादा लोगों के घायल होने के बाद आया है।

नेपाल के गृह मंत्री रमेश लेखक ने कल कैबिनेट बैठक के दौरान अपना इस्तीफ़ा दे दिया। कृषि मंत्री रामनाथ अधिकारी ने युवा प्रदर्शनकारियों की मौत पर खेद व्यक्त किया और कहा कि बिना जवाबदेही के वह अब पद पर नहीं रह सकते। उन्होंने कहा, "जिस पीढ़ी के साथ हमें सहयोग करना चाहिए था, उसके साथ युद्ध जैसा व्यवहार किया जा रहा है, इसका जवाब मांगे बिना सत्ता में बने रहना मेरे लिए असहनीय था। मैं अपने पद से इस्तीफ़ा दे रहा हूँ।"

अधिकारियों ने अशांति को नियंत्रित करने के लिए काठमांडू और पोखरा में कर्फ्यू लगा दिया है और सेना तैनात कर दी गई है।

अधिकारियों ने कथित तौर पर काठमांडू, ललितपुर और भक्तपुर ज़िलों में कर्फ्यू लगा दिया है। सोमवार को जारी पिछले कर्फ्यू आदेश की जगह, जो मंगलवार सुबह 5 बजे समाप्त हो गया था, सुबह 8:30 बजे से नया कर्फ्यू लागू हो गया।

काठमांडू जिला प्रशासन कार्यालय ने रिंग रोड क्षेत्र में सुबह 8:30 बजे से अगली सूचना तक कर्फ्यू घोषित कर दिया है। यह कर्फ्यू बालकुमारी ब्रिज, कोटेश्वर, सिनामंगल, गौशाला, चाबाहिल, नारायण गोपाल चौक, गोंगाबू, बालाजू, स्वयंभू, कलंकी, बल्खू और बागमती ब्रिज जैसे प्रमुख स्थानों पर लागू है।

देश में सोशल मीडिया एप्स को बंद करने और व्यापक भ्रष्टाचार के खिलाफ युवाओं का विरोध प्रदर्शन मंगलवार को हिंसक हो गया।

मंगलवार को काठमांडू में हिंसक विरोध प्रदर्शन जारी रहने के दौरान जेनरेशन जेड के प्रदर्शनकारियों ने सत्तारूढ़ पार्टी कार्यालयों, बालकोट स्थित प्रधानमंत्री ओली के घर और जनकपुर स्थित इमारतों में आग लगा दी।

रिपोर्ट के अनुसार, अभूतपूर्व, गंभीर परिस्थितियों और सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए, काठमांडू के त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सभी उड़ानें रद्द कर दी गईं।

















