शादी शुभ मुहूर्तः 2021 में 50 दिन होंगे मांगलिक कार्य, जनवरी से मार्च तक नहीं बजेगी शहनाई

By सतीश कुमार सिंह | Published: November 27, 2020 01:37 PM2020-11-27T13:37:06+5:302020-11-27T13:53:38+5:30

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देवउठनी एकादशी के बाद हिन्दू धर्म में शुभ कार्यों की शुरुआत होती है। हिंदू धर्म में एकादशी का व्रत बेहद महत्वपूर्ण होता है। हिन्दू धर्म में शादी को बेहद पवित्र रिश्ता माना जाता है। 

हमारे धर्म में शादी सिर्फ दो लोगों का बंधन नहीं बल्कि दो परिवारों का भी बंधन होता है। शादी करने से पहले उसका सही मुहूर्त और शुभ तिथि का होना बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है, जिसे हम शुभ लग्न के नाम से भी जानते हैं। इस साल यानी 2020-21 में नवंबर के महीने से एक बार फिर से विवाह का शुभ लग्न शुरू होने जा रहा है। 

पंडित जेपी त्रिपाठी ने लोकमत से बातचीत में कहा कि इस साल 26 नवंबर से 11 दिसंबर तक एक नहीं पूरे 11 शुभ मुहूर्त हैं। 16 दिसंबर से खरमास शुरू हो जाता है। खरमास में कोई मांगलिक काम नहीं होते हैं। जनवरी से मार्च 2021 तक कोई शुभ काम नहीं होंगे।

 शादी विवाह के लिए अगले वर्ष यानि 2021 में अप्रैल माह में विवाह के लिए शुभ मुहूर्त निकल रहे हैं। पंचांग के अनुसार 26, 29, 30 नवंबर और 1,2,6,7,8,9,10, 11 दिसंबर को विवाह का शुभ मुहूर्त बना हुआ है, इन मुहूर्त में विवाह करना श्रेष्ठ है।

16 दिसंबर से खरमास शुरू होंगे। इस समय हिन्दू धर्म में कोई मांगलिक काम नहीं होंगे। इस दिन सूर्य वृश्चिक राशि से धनु राशि में गोचर करेंगे। साल2021 में 19 जनवरी से 15 फरवरी तक 27 दिन गुरु अस्त हो जाएगा. इसके बाद 17 फरवरी से 17 अप्रैल तक 60 दिन तक शुक्र अस्त रहेगा। इसके बाद 22 अप्रैल से पुन: विवाह मुहूर्त आरंभ हो जाएंगे। 

जनवरी से मार्च 2021 तक विवाह का सिर्फ एक भी मुहूर्त नहींं है, लिहाजा अब 22 अप्रैल से शुभ दिन विवाह के शुरू होंगे। मई 2021 में सबसे ज्यादा 15 दिन शादियां हो सकेंगी। वर्ष 2021 में विवाह के लिए 50 दिन मिल रहे हैं। इस कारण विवाह का पहला मुहूर्त 22 अप्रैल को पड़ेगा।

इसके बाद देवशयन से पूर्व 15 जुलाई तक 37 दिन ही विवाह के मुहूर्त बचे हैं। 15 नवंबर 2021 को देवउठनी एकादशी से 13 दिसंबर तक विवाह के लिए कुल 13 दिन और मिलेंगे। वर्ष 2021 में 16 फरवरी को वसंत पंचमी पड़ रही है। इसे भी विवाह के लिए अबूझ मुहूर्त माना जाता है लेकिन इस दिन सूर्योदय के साथ ही शुक्र भी अस्त हो जाएगा। इस कारण हिंदू परंपरा में इसे विवाह मुहूर्त में नहीं गिना गया है।