छत्रपति शिवाजी राष्ट्रीयता के जीवंत प्रतीक और परिचारक थे, मुगल सम्राट के खिलाफ कई युद्ध किए

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 19, 2020 12:52 PM2020-02-19T12:52:00+5:302020-02-19T12:52:14+5:30

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स्वतंत्रता एक वरदान है, जिसे पाने का अधिकारी हर कोई है।

एक छोटा कदम छोटे लक्ष्य पर, बाद मे विशाल लक्ष्य भी हासिल करा देता है।

जब हौसले बुलन्द हो, तो पहाङ भी एक मिट्टी का ढेर लगता है।

जब लक्ष्य जीत की हो, तो हासिल करने के लिए कितना भी परिश्रम, कोई भी मूल्य, क्यो न हो उसे चुकाना ही पङता है।

सर्वप्रथम राष्ट्र, फिर गुरु, फिर माता-पिता, फिर परमेश्वर।अतः पहले खुद को नही राष्ट्र को देखना चाहिए।

कभी अपना सर मत झुकाओ, हमेशा उसे ऊँचा रखो.

शत्रु को कमजोर न समझो, तो अत्यधिक बलिष्ठ समझ कर डरो भी मत।

अगर मनुष्य के पास आत्मबल है, तो वो समस्त संसार पर अपने हौसले से विजय पताका लहरा सकता है।