शहीदी दिवस 2019: प्रेमी, पागल और कवि एक ही चीज से बने होते हैं... पढ़ें, भगत सिंह के अनमोल विचार
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: March 23, 2019 10:14 IST2019-03-23T09:48:21+5:302019-03-23T10:14:41+5:30

आज ही के दिन भारत के तीन अमर क्रांतिकारी भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु शहीद हुए थे।

भगत सिंह का जन्म 27/28 सितंबर 1907 को ब्रिटिश कालीन भारत के पंजाब सूबे में सरदार किशन सिंह और विद्यावती के घर हुआ था।

शहीद भगत सिंह का एक विचार बेहद प्रचलित है - 'आदमी को मारा जा सकता है, उसके विचारों को नहीं'।

भगत सिंह का यह विचार आज की सच्चाई बन गया।

आज भी लोगों के जहां में शहीद भगत सिंह की कही एक एक बात बसी है।

अंग्रेजों ने भले ही भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को शाहेद कर दिया, लेकिन तीनों की कुर्बानी की दास्ताँ, उनके विचार और बुलंद क्रांतिकारी स्वभाव की छवि आज भी लोगों के दिलों में ताजा है।

शहीदी दिवस: पढ़ें, शहीद-ए-आजम भगत सिंह के ये 10 अनमोल विचार

आठ अप्रैल 1929 को बटुकेश्वर दत्त और भगत सिंह ने भारतीय संसद में बम फेंककर अपना विरोध जताया।

गत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को लाहौर की सेंट्रल जेल में 23 मार्च 1931 को अपने वतन की आजादी के लिए लड़ने की सजा के तौर पर फाँसी दे दी गयी।

23 मार्च को देश में शहीदी दिवस के रुप में मनाया जाता है।

















