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Republic Day 2024: गणतंत्र दिवस परेड में इन राज्यों की झांकियां रही बेहद खास, देखें तस्वीरें

By संदीप दाहिमा | Updated: January 26, 2024 16:02 IST

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गणतंत्र दिवस के अवसर पर निकाली गई झांकियों में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की झांकी बेहद आकर्षक रही और इसमें चंद्रयान-3, आदित्य एल-1 को प्रमुखता दी गई।
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झांकी में इसरो के विभिन्न मिशनों में महिला वैज्ञानिकों की भागीदारी को भी प्रदर्शित किया गया। इसरो अगले वर्ष भारत की पहली मानव अंतरिक्ष उड़ान को अंजाम देने की योजना बना रहा है। इस झांकी में ‘लॉन्च व्हीकल मार्क-3’ का एक मॉडल पेश किया गया।
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राफेल विमान कर्तव्य पथ के उत्तर में जल चैनल के ऊपर 900 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भरा।
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झांकी में अंतरिक्ष यान के चंद्रमा में उतरने के स्थान को भी दर्शाया गया। इस स्थान को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शिव शक्ति प्वाइंट नाम दिया है। इसरो की झांकी में सूरज के अध्ययन के लिए निचली कक्षा में भेजे गए आदित्य एल-1 को भी प्रदर्शित किया गया।
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इसके अलावा इसरो के भविष्य के मिशन गगनयान और भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन आदि को भी झांकी में स्थान दिया गया।
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जातीय हिंसा की मार झेल रहा भारत का पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर की झांकी गणतंत्र दिवस समारोह में दिखाई गई। 75वें गणतंत्र दिवस के मौके पर मणिपुर की झांकी का अद्भुद नजारा सबने देखा। मणिपुर की झांकी में इस बार इंफाल स्थित एक अद्वितीय, केवल महिलाओं के लिए बाजार का प्रदर्शन किया।
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झांकी में एक महिला को राज्य की लोकटक झील से कमल के डंठल इकट्ठा करते हुए दिखाया गया है, जो देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र में सबसे बड़े जल निकायों में से एक है। गणतंत्र दिवस परेड के लिए मणिपुर की झांकी, 'थम्बलगी लंगला' या मेइतिलोन में लोटस थ्रेड्स ने राज्य के सामाजिक-आर्थिक विकास में महिलाओं द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका को प्रदर्शित किया।
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'इमा कीथेल', जिसका स्थानीय भाषा में नाम 'मदर्स मार्केट' है, राज्य की राजधानी इम्फाल के केंद्र में स्थित है, और यह एकमात्र बाजार है जो पूरी तरह से महिला व्यापारियों द्वारा चलाया जाता है। लगभग 500 साल पहले स्थापित, यह विभिन्न प्रकार के उत्पाद बेचने वाली लगभग 5000-6000 महिला विक्रेताओं की मेजबानी करता है और उनके पुरुष समकक्षों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाता है। यह पूरी तरह से महिलाओं द्वारा चलाया और प्रबंधित किया जाता है और कथित तौर पर यह दुनिया का सबसे बड़ा महिला बाजार है।
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बता दें कि झांकी के सामने वाले हिस्से में एक महिला को इम्फाल से 50 किमी दक्षिण में स्थित मणिपुर की लोकतक झील से कमल की डंठलें इकट्ठा करते हुए दिखाया गया; पूर्वोत्तर की सबसे बड़ी झीलों में से एक होने के लिए प्रसिद्ध। झाँकी के किनारों पर महिलाओं को नाव चलाते और कमल की डंडियाँ इकट्ठा करते हुए दिखाया गया था। राज्य की झांकी के पीछे इमा कीथेल की प्रतिकृति प्रदर्शित की गई।
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इसके अलावा, पूर्वोत्तर राज्य की झांकी में लोकप्रिय कपड़े भी शामिल थे जिनका आविष्कार मणिपुर की महिलाओं ने किया था।
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इनमें विश्व स्तर पर प्रशंसित लेइरम फी, मायेक-नाइबी और मोइरांग फी नामक बुने हुए कपड़े शामिल हैं, जिनके संबंधित जीआई टैग हैं और ये सभी मणिपुरी महिलाओं द्वारा बनाए गए हैं।
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भारत की पहली कमल रेशम निर्माता, बिजियाशांति टोंगब्रम ने भारत में कमल रेशम बनाने की प्रक्रिया का आविष्कार किया, जिसे झांकी में भी दिखाया गया था।
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दरअसल, केंद्र सरकार ने घोषणा की है कि इस साल की गणतंत्र दिवस परेड की थीम महिलाओं पर केंद्रित होगी, जिसमें मुख्य विषय 'विकसित भारत' और 'भारत- लोकतंत्र की मातृका' होंगे।
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उसी से प्रेरणा लेते हुए, इस वर्ष के 75वें गणतंत्र दिवस पर कर्तव्य पथ पर 26 झांकियाँ निकाली गईं और विभिन्न सामाजिक-आर्थिक गतिविधियों में महिलाओं की भूमिकाओं के साथ-साथ वैज्ञानिकों के रूप में उनके योगदान को प्रदर्शित किया गया।
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भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की महिला बैंड टुकड़ी ने गणतंत्र दिवस समारोह के अवसर पर शुक्रवार को कर्तव्य पथ पर मार्च किया और इस दौरान बैंड द्वारा बजायी गयी ‘सारे जहां से अच्छा’ की धुन से दर्शक रोमांचित हो उठे। आईटीबीपी की 'महिला बैंड टुकड़ी' का नेतृत्व बैंड कमांडर कांस्टेबल अंबिका पाटिल ने किया। दल ने अपनी औपचारिक पोशाक में अल्लामा मोहम्मद इकबाल द्वारा लिखित 'सारे जहां से अच्छा' की धुन पर मार्च किया। संपूर्ण महिला टुकड़ी का नेतृत्व सहायक कमांडेंट मोनिया शर्मा ने किया, जिसमें तीन अधीनस्थ अधिकारी (महिलाएं) और 144 अन्य रैंक (महिलाएं) शामिल थीं। आईटीबीपी बल के सैनिकों को हिमवीर के नाम से जाना जाता है।
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लद्दाख से अरुणाचल प्रदेश तक दुनिया की 3,488 किलोमीटर की सबसे ऊंची और सबसे दुर्गम सीमाओं की रक्षा करते हैं। आईटीबीपी को वीरता, खेल और साहसिक कार्य के लिए छह शौर्य चक्र, दो कीर्ति चक्र, एक सेना पदक, 19 राष्ट्रपति पुलिस पदक और कई अन्य पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।
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गणतंत्र दिवस समारोह की परेड के दौरान सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की टुकड़ी के हिस्से के रूप में शुक्रवार को चमकीली बहुरंगी काठी में ऊंटों ने कर्तव्य पथ पर मार्च किया। इस दृश्य ने सबका मन मोह लिया। इस टुकड़ी का नेतृत्व सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के डिप्टी कमांडेंट मनोहर सिंह खींची ने किया।
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