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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राफेल से भरी उड़ान, रचा इतिहास, देखें फोटो

By संदीप दाहिमा | Updated: October 29, 2025 19:54 IST

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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को हरियाणा के अंबाला में स्थित वायुसेना स्टेशन से राफेल लड़ाकू विमान में उड़ान भरी और इसे अविस्मरणीय अनुभव बताया। एयर चीफ मार्शल ए पी सिंह ने भी इसी एयरबेस से एक अलग विमान में उड़ान भरी। राष्ट्रपति मुर्मू दो लड़ाकू विमानों में उड़ान भरने वाली भारत की पहली राष्ट्रपति बन गई हैं।
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अप्रैल 2023 में, सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमांडर मुर्मू ने असम के तेजपुर वायु सेना स्टेशन पर सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान में उड़ान भरी थी। राफेल विमान में सवार होने से पहले राष्ट्रपति ने ‘जी-सूट’ पहना था।
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हाथ में हेलमेट लिए और धूप का चश्मा लगाए मुर्मू ने पायलट के साथ तस्वीरें भी खिंचवाईं। पूर्वाह्न 11.27 बजे विमान के उड़ान भरने से पहले राष्ट्रपति ने विमान के अंदर से हाथ हिलाकर अभिवादन किया। विमान ने लगभग 30 मिनट तक उड़ान भरी और करीब 200 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद वापस वायुसेना स्टेशन पर लौटा।
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विमान 17वीं स्क्वाड्रन के कमांडिंग ऑफिसर ग्रुप कैप्टन अमित गेहानी ने उड़ाया। राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी बयान में यह जानकारी दी गई। राफेल विमान ने समुद्र तल से लगभग 15,000 फुट की ऊंचाई पर और लगभग 700 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भरी।
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आज सुबह वायुसेना स्टेशन पहुंचने पर राष्ट्रपति को औपचारिक ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ भी दिया गया। राष्ट्रपति ने बाद में आगंतुक पुस्तिका (विजिटर बुक) में लिखा, “ अंबाला वायुसेना स्टेशन पहुंचकर वायुसेना के राफेल विमान में अपनी पहली उड़ान को लेकर मैं बहुत प्रसन्न हूं। राफेल में उड़ान भरना मेरे लिए एक अविस्मरणीय अनुभव रहा। इस शक्तिशाली विमान पर इस पहली उड़ान ने मेरे अंदर देश की रक्षा क्षमताओं के प्रति गर्व की एक नयी भावना जगाई है।
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मैं भारतीय वायुसेना और अंबाला वायुसेना स्टेशन की पूरी टीम को इस सफल आयोजन के लिए बधाई देती हूं।” राष्ट्रपति को राफेल विमान और भारतीय वायुसेना की परिचालन क्षमताओं के बारे में भी जानकारी दी गई। पूर्व राष्ट्रपति ए पी जे अब्दुल कलाम और प्रतिभा पाटिल ने क्रमशः 8 जून, 2006 और 25 नवंबर, 2009 को पुणे के पास लोहेगांव वायुसेना स्टेशन से सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान में उड़ान भरी थी।
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फ्रांसीसी एयरोस्पेस कंपनी दसॉ एविएशन द्वारा निर्मित राफेल लड़ाकू विमान को सितंबर 2020 में अंबाला वायुसेना स्टेशन पर भारतीय वायुसेना में औपचारिक रूप से शामिल किया गया था। पहले पांच राफेल विमानों को 17वें स्क्वाड्रन 'गोल्डन एरोज' में शामिल किया गया था। ये विमान 27 जुलाई, 2020 को फ्रांस से यहां लाए गए थे।
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पाकिस्तान के नियंत्रण वाले इलाकों में आतंकी ढांचों को नष्ट करने के लिए सात मई को शुरू किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में राफेल विमानों का इस्तेमाल किया गया था। इन हमलों के बाद चार दिन तक भीषण सैन्य झड़प हुईं, जो सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति बनने के बाद 10 मई को समाप्त हुईं।
टॅग्स :BJPइंडियन एयर फोर्सindian air force
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