Narendra Modi: पीएम मोदी बोले कुमाऊं का पार्वती कुंड और जागेश्वर मंदिर जरूर देखें, शेयर की तस्वीरें

By संदीप दाहिमा | Published: October 14, 2023 06:49 PM2023-10-14T18:49:25+5:302023-10-14T18:49:25+5:30

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Uttarakhand: हाल में उत्तराखंड के कुमांऊ दौरे से लौटे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आदि कैलाश एवं जागेश्वर धाम यात्रा उनके जीवन की ऐतिहासिक यात्राओं में शामिल हो गई है। यह बात प्रधानमंत्री ने स्वयं अपने आधिकारिक ‘एक्स’ हैंडल पर साझा की । पार्वती कुंड एवं जागेश्वर धाम यात्रा से मंत्रमुग्ध मोदी ने ‘एक्स’ पर लिखा, “यदि कोई मुझसे पूछे- आपको उत्तराखंड में एक जगह अवश्य देखनी चाहिए तो वह कौन सी जगह होगी, तो मैं कहूंगा कि आपको राज्य के कुमाऊं क्षेत्र में पार्वती कुंड और जागेश्वर मंदिर अवश्य देखने चाहिए।

प्राकृतिक सुंदरता और दिव्यता आपको मंत्रमुग्ध कर देगी।” अपने दूसरे पोस्ट में प्रधानमंत्री ने लिखा, “बेशक, उत्तराखंड में घूमने लायक कई प्रसिद्ध जगहें हैं और मैंने भी अक्सर उत्तराखंड का दौरा किया है। इसमें केदारनाथ और बदरीनाथ के पवित्र स्थान शामिल हैं जो सबसे यादगार अनुभव हैं । लेकिन, कई वर्षों के बाद पार्वती कुंड और जागेश्वर मंदिर में लौटना विशेष रहा।’’ प्रधानमंत्री के पोस्ट के जवाब में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों की ओर से उनका आभार प्रकट करते हुए लिखा, “आदरणीय प्रधानमंत्री जी, आपके कुशल नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में देवभूमि उत्तराखंड धार्मिक, आध्यात्मिक एवं साहसिक पर्यटन के क्षेत्र में नित नए आयाम स्थापित कर रहा है।

आपकी दूरदृष्टि के अनुरूप रोड, रेल और रोपवे निर्माण के माध्यम से श्रद्धालुओं के आवागमन को सुविधाजनक बनाया जा रहा है।’’ धामी ने लिखा, “प्रधानमंत्री जी के आदि कैलाश, पार्वती कुंड और जागेश्वर धाम के ऐतिहासिक भ्रमण से न केवल इन पवित्र स्थलों को नई पहचान मिली है बल्कि स्थानीय लोगों की समृद्धि का मार्ग भी प्रशस्त हुआ है।

मानसखंड मंदिर माला मिशन को वैश्विक पहचान दिलाने एवं देवभूमि उत्तराखण्ड के प्रति आपके असीम स्नेह एवं प्रेम हेतु समस्त प्रदेशवासियों की ओर से आभार । ’’ प्रधानमंत्री बृहस्पतिवार को पिथौरागढ़ और अल्मोड़ा के दौरे पर आए थे जहां उन्होंने 14 हजार फीट से अधिक की उंचाई पर स्थित आदि कैलाश चोटी के दर्शन और पार्वती कुंड के किनारे स्थित प्रा्चीन शिव मंदिर में पूजा की थी।

अपने एक दिवसीय दौरे में वह 124 मंदिरों के समूह जागेश्वर धाम भी गए थे।