LAC पर तनावः वायु सेना-आर्मी का युद्धाभ्यास, सुखोई और चिनूक ने भरी उड़ान, गरजे फाइटर प्लेन, देखें तस्वीरें

By सतीश कुमार सिंह | Published: June 26, 2020 02:35 PM2020-06-26T14:35:22+5:302020-06-26T14:35:22+5:30

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वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया ने कहा था कि भारतीय वायु सेना चीन के साथ लगती सीमा पर किसी भी सुरक्षा चुनौती का सामना करने के लिए ‘‘पूरी तरह तैयार है’’ और ‘‘उपयुक्त जगह पर तैनात है।’’

भारत-चीन सीमा पर तनाव के बीच वायु और थल सेना ने लद्दाख सीमा पर संयुक्त युद्धाभ्यास शुरू कर दिया है। दोनों सेना का यह युद्धाभ्यास चीन से किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयारी के रूप में किया जा रहै है।

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार यब साझा युद्धाभ्यास लद्दाख सीमा पर 11000-16000 फीट की ऊचांई पर की जा रही है। बताया जा रहा है कि युद्धाभ्यास के जरिए दोनों सेना के बीच आपसी तालमेल बनाने की कोशिश की जा रही है।

भारतीय वायुसेना ने काफी संख्या में सुखोई 30 एमकेआई, जुगआर, मिराज 2000 विमानों, अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टरों को लेह और श्रीनगर सहित कई मुख्य हवाई अड्डों पर पिछले चार दिनों के अंदर तैनात किया है।

भारतीय वायुसेना ने चीन के साथ लगती 3500 किलोमीटर वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास सभी अग्रिम अड्डों को अलर्ट कर दिया है और संघर्ष के बाद तैयारियों के तहत लड़ाकू विमान और हमलावर हेलीकॉप्टर जैसे अतिरिक्त संसाधनों की तैनाती की है।

लद्दाख के लेह क्षेत्र में भारतीय सेना और वायुसेना का एक बड़ा युद्धाभ्यास चल रहा है। इसमें भारतीय सेना के सुखोई-30 एमकेआई अत्याधुनिक लड़ाकू विमान हिस्सा ले रहे हैं। साथ ही सेना की रसद सामग्री और सिपाहियों को तेजी से एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए हरक्यूलिस और अलग-अलग मालवाहक विमान भी हिस्सा ले रहे हैं।

अमेरिका ने यूरोप से अपनी सेना हटाकर एशिया में तैनात करने का फैसला किया है। अमेरिकी विदेश मंत्री ने ये ऐलान किया है। अमेरिका यह कदम ऐसे समय उठा रहा है कि जब चीन ने भारत में पूर्वी लद्दाख में एलएसी के पास युद्ध जैसे हालात पैदा कर दिए हैं, तो दूसरी ओर वियतनाम, इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलिपींस और साउथ चाइना सी में खतरा बना हुआ है।

भारतीय सेना को मालूम है कि वर्तमान गतिरोध के कारण लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर रक्षा कवच को कम नहीं किया जा सकता है। अभी भी चीन गलवान घाटी, पैंगॉन्ग झील और दौलत बेग ओल्डी इलाके में चीनी सेना की तैनाती पहले जैसी बनी है। ऐसे में भारत किसी स्तर पर अपनी तैनाती को कम नहीं रखना चाहता है।