परमबीर सिंह ने अपनी चिट्ठी में क्या-क्या लिखा है, जिस पर मचा है बवाल, 10 प्वाइंट में समझिए

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 20, 2021 09:43 PM2021-03-20T21:43:37+5:302021-03-20T21:44:01+5:30

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मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक चिट्ठी लिखी है। चिट्ठी में उन्होंने एक चौंकाने वाला आरोप लगाया कि अनिल देशमुख ने सचिन वाझे को बार, रेस्तरां और अन्य प्रतिष्ठानों से हर महीने 100 करोड़ रुपये इकट्ठा करने के लिए कहा था।

मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर और होमगार्ड के महानिदेशक परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे पत्र में कई सनसनीखेज दावे किए हैं। चिट्ठी में राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर सीधे तौर पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं।

परमबीर सिंह ने एक बड़ा दावा किया है कि उन्होंने एनसीपी नेता शरद पवार को भी इस भ्रष्टाचार के बारे में सूचित किया है। परमबीर सिंह ने कहा कि यह पत्र मुख्यमंत्री कार्यालय और राजभवन को भी भेजा गया था। दोनों कार्यालयों से जानकारी की पुष्टि की गई है।

चिट्ठी में लिखा है कि मार्च के मध्य में वे उद्धव ठाकरे से मिलने उनके बंगले में गए थे। वहां उन्होंने एंटीलिया के मामले की पूरी जानकारी दी। उस समय मुख्यमंत्री ने गृह मंत्री अनिल देशमुख के भ्रष्ट कार्य के बारे में भी सुना।

इतना ही नहीं, उन्होंने उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के साथ-साथ एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार को भी अनिल देशमुख के गलत काम की जानकारी दी। सिंह ने पत्र में कहा, 'मैंने देखा कि वहां मौजूद अन्य मंत्रियों को पहले से ही इसकी जानकारी थी।'

चिट्ठी के अनुसार, 'सचिन वाझे क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट के प्रमुख थे। पिछले कुछ महीनों में गृह मंत्री देशमुख ने वाझे को बार-बार अपने ज्ञानेश्वर निवास पर बुलाया और उनसे हर महीने 100 करोड़ रुपये जमा करने को कहा।'

अनिल देशमुख ने सचिन वाझे को बताया कि मुंबई में 1750 बार और रेस्तरां हैं। उनमें से प्रत्येक से 2 से 3 लाख रुपये एकत्र किए जाएं तो प्रति माह 40 से 50 करोड़ रुपये आसानी से मिलेंगे। शेष राशि अन्य तरीकों से जमा की जा सकती है।

गृह मंत्री देशमुख ने सचिन वाझे को फरवरी के मध्य में उनके सरकारी आवास पर बुलाकर ऐसे सुझाव दिया। देशमुख के निजी सचिव पलंडे भी उस समय मौजूद थे। परमबीर सिंह ने अपने पत्र में लिखा है कि घर के एक-दो स्टाफ सदस्य भी थे।

परमबीर सिंह के अनुसार, 'गृह मंत्री अनिल देशमुख के घर से आने के बाद सचिन वाझे उसी दिन मेरे कार्यालय में आए। देशमुख ने मुझे इस बारे में बताया। मैं इससे हैरान था। मैं सोच रहा था कि इस स्थिति को कैसे संभालूं।'

कुछ दिनों पहले, अनिल देशमुख ने हुक्का पार्लर पर चर्चा करने के लिए सोशल सेवा विभाग के एसीपी संजय पाटिल को मुंबई में उनके आधिकारिक आवास पर बुलाया।

दो दिन बाद, पाटिल और डीसीपी भुजबल को अनिल देशमुख के आवास पर बैठक के लिए बुलाया गया। पाटिल और भुजबल को अनिल देशमुख के घर के बाहर रोका गया। उस समय मिस्टर पलांडे अंदर गए।

पलांडे केबिन से बाहर आने के बाद एसीपी पाटिल और डीसीपी भुजवल को अलग ले गए। उन्होंने कहा कि मुंबई में 1750 बार और होटलों से 40-50 करोड़ रुपये एकत्र किया जा सकता है। सिंह ने अपने पत्र में कहा, 'मुझे इस बारे में संजय पाटिल ने सूचित किया था।'

चिट्ठी में लिखा है कि अनिल देशमुख अक्सर अपने आवास पर पुलिस अधिकारियों को बुलाते थे। आरोप हैं कि देशमुख वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को पैसा इकट्ठा करने के लिए दबाव बनाते थे।

चिट्ठी सामने आने के बाद महाराष्ट्र सरकार की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। बीजेपी भी हमलावर हो गई है और अनिल देशमुख से इस्तीफा मांग रही है।

बीजेपी की मांग है कि अनिल देशमुख से पूछताछ की जानी चाहिए और उनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए। देवेंद्र फड़नवीस ने कहा है कि अगर अनिल देशमुख खुद इस्तीफा नहीं देते हैं तो उद्धव ठाकरे उन्हें पद से हटाएं।