केरल बाढ़: इन तस्वीरों को देखकर बढ़ जाएगा मानवता पर आपका यकीन

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: August 20, 2018 02:30 PM2018-08-20T14:30:28+5:302018-08-20T14:30:28+5:30

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केरल बारिश और बाढ़ की भयानक त्रासदी से गुजर रहा है। रविवार को बारिश से जुड़ी घटनाओं में 13 और लोगों की मौत हो गई और इसी के साथ पिछले 10 दिनों में बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं में मरने वालों की संक्या 210 हो गई है।

दक्षिण पश्चिमी मॉनसून के कहर का सामना कर रहे केरल में मूसलाधार बारिश की वजह से विस्थापित लोगों की संख्या मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने 7.24 लाख बताई।

उन्होंने कहा कि ज्यादातर प्रभावित लोगों को बचा लिया गया है और अब सरकार का ध्यान उनके पुनर्वास पर होगा। राज्य में 29 मई को मॉनसून के आगमन के बाद से कुल मिलाकर बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं में अब तक तकरीबन 400 लोगों की मौत हुई है।

इससे राज्य के पर्यटन उद्योग को काफी झटका लगा है। बाढ़ में हजारों एकड़ जमीन पर खड़ी फसल तबाह हो गई है और आधारभूत संरचना को भारी क्षति पहुंची है।

अगले चार दिनों तक बारिश से राहत मिलने की संभावना है लेकिन बाढ़ का खतरा अभी बना हुआ है क्योंकि डैम अभी-अभी भी खुले हुए हैं।

बारिश थमने से केरल में जन-जीवन सामान्यता की ओर बढ़ रहा है। इडुक्की से जो खबरें आ रही हैं वो सुकून देने वाली हैं। यहां एटीएम सर्विस ने काम करना शुरू कर दिया है। संचार साधन पुनः स्थापित करने के लिए कोशिश की जा रही हैं।

उप-राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने राज्यसभा में एक समीक्षा बैठक बुलाई जिसमें उपसभापति हरिवंश और अन्य कई वरिष्ठ पदाधिकारी शामिल हुए। इस बैठक में तय किया गया कि राज्यसभा का सचिवालय केरल बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए अपने एक माह का वेतन दान करेगा।

केंद्रीय मंत्री केजे अल्फोंस ने बाढ़ में राहत के लिए केरल के मछुआरों के प्रयासों को रेखांकित किया।

शिवसेना के सभी सांसद और विधायकों ने अपने एक महीने की सैलरी मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष में देने का फैसला किया है।

केंद्रीय रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को ऐसे सामानों की लिस्ट शेयर की जिन्हें केरल पहुंचाया जा रहा है। इस मिशन में एयरफोर्स के सी-17, सी-130जे, आईएल-76 और एएन-32 जैसे हैवी एयरक्राफ्ट लगे हुए हैं।

कोचि नेवल एयर स्टेशन पर कॉमर्शियल विमान आईएनएस गरुण उतारा गया। पिछले कई दिनों से बाढ़ की वजह से कोचिन इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्रभावित है।

राज्य में ऊंचाई वाले इडुक्की, मलप्पुरम, त्रिशूर और एर्नाकुलम जिले बाढ़ से सर्वाधिक प्रभावित हैं। इसकी वजह से मुल्लापेरियार बांध और इडुक्की जलाशयों को खोला गया है, इसलिये अन्य जलाशय भी बाढ़ का अनुप्रवाह पैदा कर रहे हैं।