इंदिरा गांधी: भारत की पहली और एकमात्र महिला प्रधानमंत्री जिसका लोहा दुनिया ने माना, जानिए उनके बारे में By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 31, 2019 07:21 AM 2019-10-31T07:21:09+5:30 2019-10-31T07:21:09+5:30
Next Next इंदिरा गांधी को भारतीय राजनीति के इतिहास में विशेष रूप से याद किया जाता है। उनकी छवि एक तेज तर्रार, त्वरित निर्णयाक क्षमता और लोकप्रियता नेता की रही है, जिसका लोहा दुनिया ने माना है।
पंडित जवाहर लाल नेहरू की पुत्री इंदिरा गाँधी का जन्म 19 नवम्बर 1917 को एक प्रतिष्ठित परिवार में हुआ था। इंदिरा गांधी शुरू से ही स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय रहीं। बचपन में उन्होंने ‘बाल चरखा संघ’ की स्थापना की और असहयोग आंदोलन के दौरान कांग्रेस पार्टी की सहायता के लिए 1930 में बच्चों के सहयोग से ‘वानर सेना’ का निर्माण किया। सितम्बर 1942 में उन्हें जेल में डाल दिया गया।
1955 में इंदिरा गाँधी कांग्रेस कार्य समिति और केंद्रीय चुनाव समिति की सदस्य बनी। 1958 में उन्हें कांग्रेस के केंद्रीय संसदीय बोर्ड के सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया। वे एआईसीसी के राष्ट्रीय एकता परिषद की उपाध्यक्ष और 1956 में अखिल भारतीय युवा कांग्रेस और एआईसीसी महिला विभाग की अध्यक्ष बनीं। वे वर्ष 1959 से 1960 तक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्ष रहीं। जनवरी 1978 में उन्होंने फिर से यह पद ग्रहण किया।
वह 1966-1964 तक सूचना और प्रसारण मंत्री रहीं। इसके बाद जनवरी 1966 से मार्च 1977 तक वह भारत की प्रधानमंत्री रहीं। साथ-ही-साथ उन्हें सितम्बर 1967 से मार्च 1977 तक के लिए परमाणु ऊर्जा मंत्री बनाया गया। उन्होंने 5 सितंबर 1967 से 14 फ़रवरी 1969 तक विदेश मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार संभाला। 14 जनवरी 1980 में वे फिर से प्रधानमंत्री बनीं।
अगस्त 1964 से फ़रवरी 1967 तक श्रीमती गाँधी राज्य सभा की सदस्य रहीं। वह चौथे, पांचवें और छठे सत्र में लोकसभा की सदस्य थी। जनवरी 1980 में उन्हें रायबरेली (उत्तर प्रदेश) और मेडक (आंध्र प्रदेश) से सातवीं लोकसभा के लिए चुना गया। इन्होंने रायबरेली की सीट का परित्याग कर मेडक में प्राप्त सीट का चयन किया। उन्हें 1967-77 में और फिर जनवरी 1980 में कांग्रेस संसदीय दल के नेता के रूप में चुना गया था।
इंदिर गांधी की छवि एक तेज तर्रार, त्वरित निर्णयाक क्षमता और लोकप्रियता नेता की रही है। वैसे, उनकी निजी जिंदगी भी खूब चर्चा में रही। उन्होंने 26 मार्च 1942 को फिरोज से विवाह किया। किया। उनके दो पुत्र थे - संजय गांधी और राजीव गांधी।
इंदिरा गांधी ने अपने जीवन में कई उपलब्धियां प्राप्त की। उन्हें 1972 में भारत रत्न पुरस्कार, 1972 में बांग्लादेश की स्वतंत्रता के लिए मैक्सिकन अकादमी पुरस्कार, 1973 में एफएओ का दूसरा वार्षिक पदक और 1976 में नागरी प्रचारिणी सभा द्वारा साहित्य वाचस्पति (हिन्दी) पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
इंदिरा गांधी की हत्या 31 अक्टूबर, 1984 को उन्हीं के दो अंगरक्षकों ने कर दी। बेअंत सिंह और सतवंत सिंह ने उन्हें गोली मारी।