1 / 8भारत ने ओडिशा के चांदीपुर स्थित समेकित परीक्षण केन्द्र से स्वदेश में विकसित अपने एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल ध्रुवास्त्र के तीन सफल परीक्षण किए। रक्षा सूत्रों ने बुधवार को इस आशय की जानकारी दी। 2 / 8रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित ध्रुवास्त्र को हेलीकॉप्टर से लांच किया जा सकता है कि वह दुनिया के सबसे आधुनिक एंटी-टैंक हथियारों में से एक है। 3 / 8डीआरडीओ द्वारा विकास के दौरान किए जाने वाले परीक्षणों के तहत इस अत्याधुनिक मिसाइल को 15 जुलाई को दो बार और 16 जुलाई को एक बार लांच किया गया। 4 / 8उन्होंने बताया कि सीधा निशाना लगाते हुए तीनों परीक्षण किए गए और वे सफल रहे। सूत्रों ने बताया कि जमीन से लांचर से दाग कर इस मिसाइल के कई महत्वपूर्ण पैरामीटर की जांच की गई।5 / 8ध्रुवास्त्र हमारे पुराने मिसाइल ‘नाग हेलीना’ का हेलीकॉप्टर संस्करण है। इसमें कई नए फीचर हैं और आसमान से सीधे दाग कर इससे दुश्मन के बंकर, बख्तरबंद गाड़ियों और टैंकों को नष्ट किया जा सकता है।6 / 8यह नाग मिसाइल का अपग्रेड वर्जन है, 230 मी/सेकेंड की रफ्तार से लक्ष्य पर निशाना साधती है। ध्रुवास्त्र सेना के बेड़े में पहले से शामिल नाग मिसाइल का अपग्रेडेड वर्जन है। यह 7 किलोमीटर के दायरे में दुश्मन के टैंकों को निशाना बना सकती है।7 / 8पिछले साल थार के रेगिस्तान में एंटी टैंक मिसाइल नाग की थर्ड जनरेशन का 12 दिन टेस्ट किया गया था। यह फायर एंड फॉरगेट सिस्टम पर काम करती है। यानी इसे दागे जाने के बाद फिर कोई कमांड की जरूरत नहीं होती। 8 / 8नाग मिसाइल किसी भी टैंक को ध्वस्त कर सकती है। यह उड़ान भरने के बाद अपने ऑपरेटर के पास पूरे इलाके के फोटो भी भेजती रहती है। इससे क्षेत्र में मौजूद दुश्मन के टैंकों की संख्या पता चल जाती है। इसके आधार पर दूसरी मिसाइल दाग कर उन्हें नष्ट किया जा सकता है। यह मिसाइल एक बार में आठ किलोग्राम वारहैड लेकर जाती है।