1 / 11प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को ‘स्टेच्यू ऑफ यूनिटी’ को अहमदाबाद में साबरमती रिवरफ्रंट से जोड़ने वाली सीप्लेन सेवा का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने से साबरमती फ्रंट तक की इस विमान से यात्रा भी की। 2 / 11विमान पर सवार होने से पहले उन्होंने यहां स्थित जल हवाई अड्डे पर अधिकारियों से बात की और विमान के बारे में जानकारी ली।3 / 11इस विमान में 19 लोगों के बैठने की व्यवस्था है। लगभग 200 किलोमीटर की दूरी को सीप्लेन के जिरए लगभग 40 मिनट में तय किया जा सकेगा।4 / 11सी प्लेन जमीन-पानी दोनों से उड़ान भर सकता है। पानी और जमीन पर लैंड कराया जा सकता है। ये एंफीबियस कैटेगरी का प्लेन होता है।5 / 11महज 300 मीटर के रनवे से उड़ान भर सकता है सी प्लेन। 300 मीटर की लंबाई वाले जलाशय का इस्तेमाल हवाई-पट्टी के रूप में मुमकिन है।6 / 11पीएम नरेंद्र मोदी केवड़िया से साबरमती तक जाने के लिए सी-प्लेन में सवार होकर साबरमती के लिए रवाना हुए। सी-प्लेन अहमदाबाद में साबरमती रिवरफ्रंट को केवड़िया में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी से जोड़ता है।7 / 11वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सिविल सर्विसेज प्रोबेशनर्स को संबोधित करते हुए PM मोदी ने कहा कि एक साल पहले जो स्थितियां थी और आज जो स्थितियां हैं, उनमें बहुत बड़ा फर्क है। मुझे विश्वास है कि संकट के इस समय में देश ने और देश की व्यवस्थाओं ने जिस तरह काम किया, उससे आपने भी बहुत कुछ सीखा होगा।8 / 11आज देश जिस मोड में काम कर रहा है, उसमें आप सभी नौकरशाहों की भूमिका न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन की ही है। आपको ये सुनिश्चित करना है कि नागरिकों के जीवन में आपका दखल कैसे कम हो, सामान्य मानवी का सशक्तिकरण कैसे हो: पीएम मोदी9 / 11पहले के समय ट्रेनिंग में आधुनिक अप्रोच कैसे आए, इस बारे में बहुत सोचा नहीं गया। लेकिन अब देश में मानव संसाधन की आधुनिक ट्रेनिंग पर जोर दिया जा रहा है। आपने खुद भी देखा है कि कैसे बीते 2-3 वर्षों में ही सिविल सर्वेन्ट्स की ट्रेनिंग का स्वरूप बहुत बदल गया है: पीएम मोदी10 / 11सरदार वल्लभभाई पटेल ने सिविल सर्वेंट को देश का स्टील फ्रेम कहा था उन अफसरों को सरदार साहब की सलाह थी कि देश के नागरिकों की सेवा अब आपका सर्वोच्च कर्तव्य है। मेरा भी यही आग्रह है कि सिविल सर्वेंट जो भी निर्णय ले, वो देश की एकता अखंडता को मज़बूत करने वाले हों: पीएम मोदी11 / 11प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को सिविल सेवा के प्रशिक्षुओं को समाज से जुड़ने की सलाह देते हुए कहा कि वह ऐसा करते हैं तो वही समाज उनकी शक्ति का सहारा बनेगा। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक अधिकारी जो भी फैसला लें, वह देशहित में होना चाहिए और उससे देश की एकता और संप्रभुता मजबूत होनी चाहिए। प्रधानमंत्री वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से मंसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक अकादमी के भारतीय सिविल सेवा के 428 प्रशिक्षुओं से ‘‘आरंभ 2020’’ कार्यक्रम के तहत संवाद कर रहे थे। उन्होंने अपने संबोधन में कहा, ‘‘किसी सिविल सेवा अधिकारी के लिए सबसे पहले जरूरी है कि वह देश के सामान्य जन से निरंतर जुड़े रहे। जब आप लोगों से जुड़े रहेंगे तो लोकतंत्र में काम करना आसान हो जाएगा। समाज से कटिए मत, उससे जुड़िए। वह आपकी शक्ति का सहरा बनेगा।’’