बज़ट 2019: मनमोहन या मोदी, देश की आर्थिक सेहत के लिए कौन साबित हुआ बेहतर पीएम?

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 31, 2019 12:14 PM2019-01-31T12:14:01+5:302019-01-31T12:14:01+5:30

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नरेन्द्र मोदी सरकार एक फरवरी को अपना आखिरी और अंतरिम बजट पेश करने जा रही है। मोदी सरकार इस बार लोकसभा चुनाव 2019 को मद्देनजर रखते हुए बजट में कई लुभावने वादे कर सकती है। लेकिन केंद्र की पिछली यूपीए सरकार और मौजूदा एनडीए सरकार में देश की अर्थव्यवस्था की क्या दशा-दिशा रही, ये जानने का संभवत सबसे बेहतर वक्त है। 2014 में मोदी सरकार यूपीए2 को हराकर सत्ता में कई सारे वादों के साथ आई थी। हमेशा से ही विभिन्न आर्थिक मोर्चों पर दोनों सरकारों की नीतियों और उपलब्धियों की तुलना होती रही है। तो आइए हम आपको GDP ग्रोथ से लेकर महंगाई और देश की अर्थव्यवस्था के प्रमुख पैमानों से ये बताते हैं कि मनमोहन सिंह सरकार के सामने नरेन्द्र मोदी सरकार कहां है?

1- जीडीपी ग्रोथ (GDP): यूपीए शासन में 2012-13 में जीडीपी ग्रोथ 5.3 प्रतिशत थी। वहीं, 2013-14 में ये 6.4 प्रतिशत हुई। 2018-19 में जीडीपी ग्रोथ 6.5 प्रतिशत है। वहीं 2019 में ये आकड़े 7.5 प्रतिशत हैं 2020 में 7.7 प्रतिशत की दर से आगे बढ़ने के अनुमान हैं। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने जनवरी 2019 में हुए वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक अपडेट में कहा कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा। 2019 में भारतीय अर्थव्यवस्था रफ्तार पकड़ेगी।

2- चालू खाता घाटा (CAD): 2018 में राज्यसभा में वित्त मंत्री अरूण जेटली ने बजट प्रस्तावों पर कहा था यूपीए शासन में चालू खाता घाटा (CAD) दुनियाभर का रिकॉर्ड तोड़ करके 6.8% पर पहुंच गया था। जबकि आखिरी दो सालों में यह 4.2%(2016) और 4.8%(2017) पर ही रहा है। बजट पेपर्स के आकड़ों के मुताबिक ये घाटा आधा प्रतिशत, 1%, 1.5% से ज्यादा कभी नहीं गया।

3- राजकोषीय व्यय (Fiscal Deficit): यूपीए के आखिरी तीन सालों में वित्तीय घाटा 5.9%, 4.9%, 4.5% था एनडीए की 2014 में सरकार आने के बाद फिस्कल डेफिसिट 4.1%, 3.9% और 3.5% रहा। 2018 में यह 3.5 रहा।

4- खुदरा महंगाई दर: 2018 में पेश हुए बजट के आकड़ों के मुताबिक, यूपीए के कार्यकाल के आखिरी तीन सालों में महंगाई दर 9.4 प्रतिशत, 10.4% और 9%। एनडीए की सरकार के पिछले तीन सालों में महंगाई दर 2% -2.5% भी रही, 3% भी रही और 2018 की औसत मंहगाई है 3.6%।

5- टैक्स राजस्व में वृद्धि: बजट पेपर्स के आकाड़ों के मुताबिक, यूपीए 2013-14 में 9.9 प्रतिशत टैक्स राजस्व में वृद्धि हुई थी तो वहीं, एनडीए में 2017-18 में ये बढ़ोतरी 12.2 प्रतिशत रही है। एनडीए सरकार के पहले चार साल के कार्यकाल में सरकार ने औसतन हर साल 15.91 लाख करोड़ रुपए टैक्स वसूली की है। यूपीए-2 की टैक्स से सालाना आमदनी 8.36 लाख करोड़ थी।

6- पेट्रोल- डीजल के दाम: एनडीए सरकार के पिछले चार सालों में पेट्रोल का औसत मूल्य मार्च महीने 2018 तक मुंबई में 73.20 रुपए प्रति लीटर था। वहीं यूपीए-2 के राज में पेट्रोल का दाम औसतन 65.14 रुपए प्रति लीटर रहा था। मोदी सरकार के चार साल में मुंबई में डीजल औसतन 61.40 रुपए प्रति लीटर था। यूपीए-2 के राज में डीजल औसतन 45.44 रुपए था। ( बता दें यहां पेश किए गए सारे आकड़े बजट में पेश हुए आकड़ों से लिए गए हैं)