श्रीदेवी को इन 10 फिल्मों के लिए प्रशंसक रखेंगे हमेशा याद

By खबरीलाल जनार्दन | Published: February 25, 2018 08:50 AM2018-02-25T08:50:55+5:302018-02-25T09:33:53+5:30

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श्रीदेवी की आखिरी फिल्म 'मॉम' उनकी 300वीं फिल्म थी। उन्होंने करीब 50 साल के कॅरियर में एक से बढ़कर एक फिल्में कीं।

अगर आपने अभी तक उनकी ये फिल्में ना देखी हो तो देख डालिए। मूंद्रम पिराई (1982) तमिल में थी। हिन्दी में यह सदमा (1983) नाम से बनी

मिस्टर ‌इंडिया अगर आपने अभी तक नहीं देखी तो आज ही देख डालिए। ये वो फिल्म है जिसने श्रीदेवी को हिन्दी में जगह दिलाई।

क्षना-क्षनम (1991)। इसमें श्रीदेवी के साथ वेंकटेश ‌थे। इसके लिए श्रीदेवी को बेस्ट एक्ट्रेस का अवार्ड मिला।

मींडम कोकिला (1981) कमल हसन के साथ उनकी एक ऐतिहासिक फिल्म है।

लम्हे (1991) ने हिन्दी सिनेमा जगत में श्रीदेवी को ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया था।

वरूमायीन निरम स‌िगप्पु (1980)। कमल हसन के उनकी जोड़ी ऐसी हो गई थी कि जिस फिल्म जाते कमाल हो जाता।

जगडेका वीरूडू अथिलोक (1990) में चिरंजीवी कुमार के स्टाडम को टक्कर देते हुए इस फिल्म अपनी अलग पहचान बनाई।

नगीना (1986) के बाद हिन्दी दर्शकों ने मान लिया था कि श्रीदेवी पहली फीमेल सुरस्टार हैं।

15 साल बाद उन्होंने जब दोबारा वापसी की तो इंग्लिश विंग्लिश निकलकर आई।