Om Puri Birth Anniversary: ओम पुरी की जयंती पर पढ़ें उनके 10 दमदार डायलॉग By संदीप दाहिमा | Published: October 18, 2019 7:24 AMOpen in App1 / 10जिस दिन पुलिस की वर्दी का साथ पकड़ा... उस दिन डर का साथ छोड़ दिया.2 / 10मजहब इंसानों के लिए बनता है... मजहब के लिए इंसान नहीं बनते.3 / 10जंग कोई भी हो, नतीजा कुछ भी हो...एक सिपाही अपना कुछ ना कुछ खो ही देता है.4 / 10हर इंसान को जिंदगी में एक बार प्यार जरूर करना चाहिए...प्यार इंसान को बहुत अच्छा बना देता है। 5 / 10जब एक भ्रष्ट आदमी मरता है तो उसकी सत्ता खत्म होती है...और जब एक सच्चा आदमी मरता है तो उसकी सत्ता शुरू होती है.6 / 10मैं ऐसे लोकतंत्र में विश्वास नहीं करता...जो गरीबों की इज्जत करना नहीं जानता.7 / 10मेरा फरमान आज भी इस शहर का कानून है. मैं जब भी करता हूं, इंसाफ ही करता हूं.8 / 10जैसे ही मैंने उसकी कनपटी पर यह गनपट्टी रखी...उसका चेहरा बिना दूध की चाय जैसा पड़ गया. मरने से पहले मेरे बाल डाई करा देना, मैं जवान होकर मरना चाहता हूं.9 / 10परंपराओं की लकीरें जब धुंधली पड़ जाती हैं...तो नई लकीरें खींचने से परहेज नहीं करना चाहिए.10 / 10द्रोपदी तेरे अकेले की नहीं है...हम सब शेयरहोल्डर हैं. और पढ़ें Subscribe to Notifications