कर्मचारी राज्य बीमा निगमः स्वास्थ्य बीमा योजना ‘ईएसआई’ का लाभ अब अरुणाचल प्रदेश में भी, जानिए फायदे
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: October 24, 2020 13:43 IST2020-10-24T13:43:11+5:302020-10-24T13:43:11+5:30
श्रम मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है, ‘‘ईएसआई योजना के तहत अधिक श्रमिकों को कवर करने के अपने निरंतर प्रयास में भारत सरकार ने अब पहली बार अरुणाचल प्रदेश में कर्मचारी राज्य बीमा (ईएसआई) योजना का लाभ का विस्तार किया है।’’

ईएसआई अधिनियम के तहत पंजीकरण के लिए कोई भौतिक दस्तावेज जमा करने की आवश्यकता नहीं है।
नई दिल्लीः कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) की स्वास्थ्य बीमा योजना ‘ईएसआई’ का लाभ अब अरुणाचल प्रदेश में भी उपलब्ध होगा।
श्रम मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है, ‘‘ईएसआई योजना के तहत अधिक श्रमिकों को कवर करने के अपने निरंतर प्रयास में भारत सरकार ने अब पहली बार अरुणाचल प्रदेश में कर्मचारी राज्य बीमा (ईएसआई) योजना का लाभ का विस्तार किया है।’’
ईएसआई योजना के तहत पापुम पारे जिले को शामिल करने के लिये केंद्र सरकार द्वारा इस आशय की एक अधिसूचना जारी की गयी है। अरुणाचल प्रदेश के पापुम पारे जिले में स्थित सभी ऐसे कारखाने जिनमें 10 या अधिक व्यक्ति कार्यरत हैं, ईएसआई अधिनियम 1948 के तहत स्वास्थ्य योजना का लाभ पाने के पात्र होंगे।
ईएसआई योजना के तहत ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा वेबसाइट ईएसआईसी की वेबसाइट पर और भारत सरकार के श्रम और रोजगार मंत्रालय के “श्रम सुविधा पोर्टल” पर भी उपलब्ध है। ईएसआई अधिनियम के तहत पंजीकरण के लिए कोई भौतिक दस्तावेज जमा करने की आवश्यकता नहीं है।
सेबी ने आईएलएंडएफएस फाइनेंशियल सर्विसेज के खिलाफ अंडरराइटर प्रावधानों के उल्लंघन पर कार्यवाही बंद की
बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने शुक्रवार को आईएलएंडएफएस फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के खिलाफ कार्यवाही बंद कर दी। यह कार्यवाही जोखिम में हामीदार बनने संबंधी प्रावधानों के कथित उल्लंघन को लेकर चल रही थी।
आईएलएंडएफएस फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड सेबी के पास एक पंजीकृत जोखिम हामीदार है। सेबी ने यह आदेश ऐसे समय दिया है, जब कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने सेबी को यह पता लगाने को कहा था कि अंडरराइटर सेबी के पास पंजीकृत मध्यस्थ के रूप में कार्य करते रहने के लिये पात्र है या नहीं।
गंभीर धोखाधड़ी अन्वेषण कार्यालय (एसएफआईओ) ने इन्फ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (आईएलएंडएफएस) और इसकी सहायक कंपनियों के ऋण संकट के लिये जिम्मेदार मामलों की जांच की थी। इसने अपनी रिपोर्ट कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय को सौंप दी थी, जिसे बाद में सेबी को भेज दिया गया था।