वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को केन्द्रीय बजट 2021-22 पेश किया है। इस बजट में पीएफ में सालाना एक सीमा से ऊपर राशि पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स लगाने का प्रस्ताव रखा गया है। प्रस्ताव के अनुसार अब कर्मचारी के सालाना पीएफ योगदान में 2.5 लाख से अधिक की राशि पर अर्जित ब्याज पर टैक्स लगेगा।
2.5 लाख रुपये से ज्यादा PF जमा किया तो ब्याज पर लगेगा टैक्स
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 अप्रैल से शुरू हो रहे नए वित्त वर्ष से प्रति वर्ष 2.5 लाख रुपये या उससे ज्यादा के पीएफ कंट्रीब्यूशन के ब्याज को टैक्स के दायरे में लाने का प्रस्ताव रखा है।
पीएफ कंट्रीब्यूशन को शानदार ब्याज के साथ टैक्स सेविंग का एक बेहतर जरिया माना जाता है। यही वजह है कि मोटी कमाई करने वाले अपना पीएफ कंट्रीब्यूशन बढ़ा देते हैं। अब इन लोगों को नए नियम झटका लग सकता है।
पेंशन, ब्याज एक ही बैंक में आने पर 75 साल, उससे ऊपर के वरिष्ठ नागरिकों को आईटीआर भरने की जरूरत नहीं
सरकार ने बजट में वरिष्ठ नागरिकों को राहत दी है। इसके तहत एक अप्रैल से शुरू वित्त वर्ष के लिये 75 साल और उससे अधिक उम्र के वरिष्ठ नागिरकों को पेंशन आय और मियादी जमाओं से मिलने वाले ब्याज के लिए आयकर रिटर्न भरने की जरूरत नहीं होगी। हालांकि इस लाभ के लिए जरूरी है कि पेंशन और ब्याज आय एक ही बैंक में आए।
संवाददाताओं से बातचीत में वित्त सचिव अजय भूषण पांडे ने कहा कि आयकर रिटर्न भरने से छूट केवल उन्हीं मामलों में लागू होगी जहां ब्याज आय उस बैंक में प्राप्त होती है, जहां पेंशन आती है। पांडे ने कहा, ‘‘जिन लोगों की उम्र 75 साल या उससे अधिक है तथा जिनकी आय एक ही बैंक में पेंशन और मियादी जमा पर ब्याज से आती है तथा उनकी आय केवल ब्याज से है, वैसे लोगों को रिटर्न भरने की जरूरत नहीं है। बैंक दिए जाने वाली आय पर कर कटौती करेंगे और उसे सरकार के पास जमा करेंगे...।’’