वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट 2020-21 में फैमिली पेंशन पाने वालों के लिए बड़ी राहत का ऐलान कर सकती है। केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने फैमिली पेंशन पाने वाले व्यक्तियों के लिए राहत का प्रस्ताव वित्त मंत्रालय को दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार केंद्र सरकार पेंशन धारकों को सालाना छूट की सीमा बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर सकता है।
क्या है वर्तमान स्थिति :
आश्रितों को मिलने वाली पेंशन पर मिलने वाली रकम का एक तिहाई हिस्सा या फिर 15 हजार रुपये की रकम, दोनों में से जो भी कम होता है सिर्फ उसी पर टैक्स छूट मिलती है। फैमिली पेंशन के मद में इसके पात्र व्यक्ति को स्टैडर्ड डिडक्शन का फायदा भी नहीं मिलता है। यही वजह है कि सरकार आश्रितों को भी मिलने वाली पेंशन पर स्टैडर्ड डिडक्शन के बराबर छूट देने पर विचार कर रही है।
आपको बता दें कि भारत सरकार का श्रम मंत्रालय प्राइवेट कंपनियों, संगठित क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन(ईपीएफओ) के तहत पीएफ और पेंशन स्कीम चलाता है। सरकार इसके जरिए कर्मचारियों को सेवानिवृत होने पर पेंशन मुहैया कराती है। हालांकि अगर किसी वजह से पेंशन पाने वाले व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो उसके परिवार के किसी सदस्य को पेंशन दी जाती है। सरकार कर्मचारी को 10 साल नौकरी करने के बाद ही ये पेंशन देती है।
मांग बढ़ाने के लिए टैक्स में मिलेगी छूट
कंपनियों ने मांग एवं खपत बढ़ाने के लिये आगामी बजट में व्यक्तिगत आयकर दरों में कटौती की उम्मीद जतायी है। उनका मानना है कि कंपनी कर में उल्लेखनीय कटौती के बाद अब व्यक्तिगत आयकर में कमी की जा सकती है। बजट से पहले किये गये एक सर्वे में यह बात सामने आयी है। टैक्स परामर्श कंपनी केपीएमजी के सर्वे के अनुसार ज्यादातर लोगों का मानना है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आयकर छूट सीमा मौजूदा 2.5 लाख रुपये सालाना से आगे बढ़ा सकतीं हैं। यहां यह उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्री ने चालू वित्त वर्ष के बजट में करदाताओं की पांच लाख रुपये तक की टैक्स योग्य आय को करमुक्त किया हुआ है।
म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री बांड में निवेश वाली बचत योजनाओं पर बजट में चाहती है टैक्स छूट
म्यूचुअल फंड कंपनियों संगठन एएमएफआई ने बांड में निवेश को प्रोत्साहन देने के लिए बजट में कम खर्चीली बांड बचत-योजनाओं पर कर छूट की घोषणा करने का सुझाव दिया है। संगठन का कहना है कि इससे बांड बाजार का दायरा बढ़ेगा। साथ ही एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एएमएफआई) ने दीर्घकालीन पूंजी लाभ के उद्देश्य से सोना और जिंस ईटीएफ में बने रहने की अवधि मौजूदा तीन साल से कम कर एक साल करने का अनुरोध किया है।
सीआईआई की घर खरीदारों को बजट में अधिक कर लाभ देने की वकालत
देश के प्रमुख उद्योग मंडल सीआईआई ने घर खरीदारों को बजट में अधिक कर लाभ दिये जाने का आग्रह किया है। उद्योग मंडल ने कहा है कि नकदी संकट से जूझ रहे रीयल एस्टेट क्षेत्र में मांग बढ़ाने के लिये आगामी बजट में घर खरीदारों को मिलने वाले कर लाभ बढ़ाये जाने चाहिये।
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने कहा है कि 6 से 7 प्रतिशत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर हासिल करने के लिये आवास क्षेत्र में मांग बढ़ाने के लिये बेहतर योजना लाना काफी महत्वपूर्ण है। उद्योग संगठन ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर खरीदारों के लिये तय आय सीमा बढ़ाने का आग्रह किया है।