खुशखबरीः गहनों पर हॉलमार्किंग के लिए बीआईएस देगा ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन, तैयार हो रहा सॉफ्टवेयर
By एसके गुप्ता | Published: November 2, 2019 09:14 AM2019-11-02T09:14:05+5:302019-11-02T09:14:05+5:30
केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने कहा है कि इससे सोने के अभूषणों में कितनी शुद्धता और कितना 'खोट' है, यह गहने पर दर्ज हॉलमार्क से ही पता लग जाएगा.
नए साल से देश में सोने के गहनों पर हॉलमार्किंग को लागू किया जाएगा. केंद्रीय उपभोक्ता मंत्रालय ने सोने के गहनों पर हॉलमार्किंग को अनिवार्य किए जाने के लिए भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) को जन-जागरूकता अभियान चलाने और ज्वैलर्स को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन देने के निर्देश दिए गए हैं. बीआईएस की ओर से ज्वैलर्स को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट देने की दिशा में सॉफ्टवेयर पर काम किया जा रहा है.
केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने कहा है कि इससे सोने के अभूषणों में कितनी शुद्धता और कितना 'खोट' है, यह गहने पर दर्ज हॉलमार्क से ही पता लग जाएगा. इससे ज्वैलरी उद्योग पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा लेकिन ग्राहकों को इसका ज्यादा फायदा होगा. उन्होंने कहा कि गहनों पर हॉलमार्किंग को लेकर वाणिज्य मंत्रालय पहले ही हॉलमार्किंग प्रस्ताव को डब्ल्यूटीओ को भेज चुका है. डब्ल्यूटीओ दो माह के अंदर यानी दिसंबर में इसे अपनी वेबसाइट पर नोटिफाई कर देगा.
बीआईएस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि गहनों पर हॉलमार्किंग एक जनवरी तक लागू कर दी जाएगी. नए नियमों के तहत सोने के गहनों की तीन कैटेगरी होगी 22 कैरेट, 18 कैरेट और 14 कैरेट, सोने की शुद्धता के पैमाने के आधार पर इसकी हॉलमार्किंग की जाएगी. फिलहाल हॉलमार्किंग नहीं होने से बाजार में नकली सोने की बिक्री भी होती है. ज्वैलरी पर हॉलमार्किंग होने से ग्राहक को भी संतुष्टि रहेगी और दुकानदार के प्रति भी खरीददारी करने वाले को विश्वास रहेगा कि वह जो गहने खरीद रहा है उसकी वास्तविक शुद्घता कितनी है और इसके लिए उसे कितनी कीमत का भुगतान करना है.
हॉलमार्किंग को लेकर यह है तैयारी
अभी बीआईएस ने 800 हॉलमार्किंग केंद्र बनाए हैं. जिन्हें सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में रखा जाएगा. जिससे गहने पर हॉलमार्किंग को लेकर किसी तरह की गड़बड़ी नहीं हो सके. -ज्वैलर्स के लिए हॉलमार्किंग रजिस्ट्रेशन फीस 25000 रुपए है, जिसे 10000 से 15000 रुपए घटाने की तैयारी है. -बीआईएस, नेशनल टेस्टिंग हाउस और लीगल मेट्रोलॉजी को आपसी तालमेल बेहतर बनाने के लिए कहा गया है, जिससे किसी स्तर पर काम नहीं रुके.