लाइव न्यूज़ :

पैरालंपिक में स्वर्ण जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनी निशानेबाज अवनि लेखरा

By भाषा | Published: August 30, 2021 11:50 AM

Open in App

भारत की अवनि लेखरा ने सोमवार को यहां तोक्यो पैरालंपिक खेलों की निशानेबाजी प्रतियोगिता में महिलाओं के आर-2 10 मीटर एयर राइफल के क्लास एसएच1 में स्वर्ण पदक जीतकर भारतीय खेलों में नया इतिहास रचा।जयपुर की रहने वाली यह 19 वर्षीय निशानेबाज पैरालंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन गयी हैं। उनकी रीढ़ की हड्डी में 2012 में कार दुर्घटना में चोट लग गयी थी। उन्होंने 249.6 अंक बनाकर विश्व रिकार्ड की बराबरी की। यह पैरालंपिक खेलों का नया रिकार्ड है।अवनि से से पहले भारत की तरफ से पैरालंपिक खेलों में मुरलीकांत पेटकर (पुरुष तैराकी, 1972), देवेंद्र झाझरिया (पुरुष भाला फेंक, 2004 और 2016) तथा मरियप्पन थंगावेलु (पुरुष ऊंची कूद, 2016) ने स्वर्ण पदक जीते थे। अवनि ने कहा, ‘‘मैं अपनी भावनाओं को व्यक्त नहीं कर सकती। मुझे ऐसा लग रहा है जैसे कि मैं दुनिया में शीर्ष पर हूं। इसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। ’’यह भारत का इन खेलों की निशानेबाजी प्रतियोगिता में भी पहला पदक है। तोक्यो पैरालंपिक में भी यह देश का पहला स्वर्ण पदक है। अवनि पैरालंपिक खेलों में पदक जीतने वाली तीसरी भारतीय महिला हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं बहुत खुश हूं कि मैंने अपना योगदान दिया। उम्मीद है कि आगे हम और पदक जीतेंगे। ’’इस बीच पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग एसएच1 स्पर्धा में भारत के महावीर स्वरूप उनहालकर चौथे स्थान पर रहे। उनहालकर ने कुल 203.9 अंक बनाये। कोल्हापुर का यह 34 वर्षीय निशानेबाज एक समय आगे चल रहा था लेकिन छठी सीरीज में 9.9 और 9.5 अंक बनाने से वह पदक की दौड़ से बाहर हो गये। भारत के एक अन्य निशानेबाज दीपक क्वालीफाईंग दौर में ही बाहर हो गये। उन्होंने 592.6 अंक के साथ 20वां स्थान हासिल किया था। उनहालकर 615.2 अंक के साथ सातवें स्थान पर रहकर आठ खिलाड़ियों के फाइनल्स में पहुंचे थे। अवनि ने असाका शूटिंग रेंज पर फाइनल में चीन की रियो पैरालंपिक की स्वर्ण पदक विजेता झांग कुइपिंग (248.9 अंक) को पीछे छोड़ा। यूक्रेन की विश्व में नंबर एक और मौजूदा विश्व चैंपियन इरियाना शेतनिक (227.5) ने कांस्य पदक जीता।अवनि ने कहा, ‘‘मैं स्वयं से यही कह रही थी कि मुझे एक बार केवल एक शॉट पर ध्यान देना है। अभी बाकी कुछ मायने नहीं रखता। केवल एक शॉट पर ध्यान दो। ’’उन्होंने कहा, ‘‘मैं केवल अपने खेल पर ध्यान दे रही थी। मैं स्कोर या पदक के बारे में नहीं सोच रही थी।’’अवनि ने अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में अपना पहला पदक जीता। वह 2019 में विश्व चैंपियनशिप में चौथे स्थान पर रही थी। पहली बार पैरालंपिक में भाग ले रही विश्व में पांचवीं रैंकिंग की अवनि ने क्वालीफिकेशन और फाइनल्स दोनों में लगातार 10 से अधिक के स्कोर बनाये। वह विश्व रिकार्ड तोड़ने के करीब थी लेकिन आखिर में 9.9 के दो स्कोर से ऐसा नहीं कर पायी। अवनि ने इससे पहले क्वालीफिकेशन राउंड में 21 निशानेबाजों के बीच सातवें स्थान पर रहकर फाइनल्स में प्रवेश किया था। उन्होंने 60 सीरीज के छह शॉट के बाद 621.7 का स्कोर बनाया जो शीर्ष आठ निशानेबाजों में जगह बनाने के लिये पर्याप्त था। अवनि को उनके पिता ने खेलों में जाने के लिये प्रेरित किया। उन्होंने पहले निशानेबाजी और तीरंदाजी दोनों खेलों में हाथ आजमाये। उन्हें निशानेबाजी अच्छी लगी। उन्हें बीजिंग ओलंपिक 2008 के स्वर्ण पदक विजेता अभिनव बिंद्रा की किताब पढ़कर भी प्रेरणा मिली।उन्होंने 2015 में जयपुर के जगतपुरा खेल परिसर में निशानेबाजी शुरू की थी। कानून की छात्रा अवनि ने संयुक्त अरब अमीरात में विश्व कप 2017 में भारत की तरफ से पदार्पण किया था।राजस्थान में सहायक वन संरक्षक के पद पर कार्यरत अवनि को भारत सरकार ने 2017 में लक्ष्य ओलंपिक पोडियम कार्यक्रम (टॉप्स) में शामिल किया था। इससे उन्होंने 12 अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं और राष्ट्रीय कोचिंग शिविरों में भाग लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनके प्रदर्शन की प्रशंसा की।मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘अविस्मरणीय प्रदर्शन अवनि लेखरा। कड़ी मेहनत की बदौलत स्वर्ण जीतने पर बधाई जिसकी आप हकदार भी थी। कर्मशील स्वभाव और निशानेबाजी के प्रति जज्बे से आपने ऐसा संभव कर दिखाया। भारतीय खेलों के लिए यह एक विशेष क्षण है। आपको भविष्य के लिये शुभकामनाएं।’’प्रधानमंत्री ने उनसे फोन पर भी बात की और उन्हें बधाई दी।अवनि पैरालंपिक खेलों में पदक जीतने वाली तीसरी भारतीय महिला खिलाड़ी हैं। रविवार को भाविनाबेन पटेल ने महिला टेबल टेनिस में रजत पदक जीता था। भारतीय पैरालंपिक समिति की अध्यक्ष दीपा मलिक रियो पैरालंपिक 2016 में गोला फेंक में रजत पदक जीतकर इन खेलों में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनी थी।अवनि मिश्रित 10 मीटर एयर राइफल प्रोन एसएच1, महिलाओं की 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन एसएच1 और मिश्रित 50 मीटर राइफल प्रोन में भी हिस्सा लेंगी।एसएच1 राइफल वर्ग में वे निशानेबाज शामिल होते हैं जो हाथों से बंदूक थाम सकते हैं लेकिन उनके पांवों में विकार होता है। इनमें से कुछ एथलीट व्हील चेयर पर बैठकर जबकि कुछ खड़े होकर प्रतिस्पर्धा में भाग लेते हैं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

विश्वजापान में लगातार आठवें साल गिरी जन्मदर, घटती जनसंख्या बनी चिंता की बड़ी वजह

विश्वजापान: महिलाओं को 'Naked Festival' में शामिल होने की मिली अनुमति, बस इन शर्तों का करना होगा पालन

विश्वJapan Plane Fire: टोक्यो के हानेडा हवाई अड्डे के रनवे पर एक विमान में लगी आग, वीडियो हुआ वायरल

महाराष्ट्रVideo: महाराष्ट्र के कोल्हापुर में गधे ने बुजुर्ग पर किया हमला, बीच सड़क पर शख्स को पैरों से कुचलता रहा जानवर

क्राइम अलर्टशख्स ने व्हाट्सएप प्रोफाइल पर लगाई 'औरंगज़ेब' की फोटो, पुलिस ने किया गिरफ्तार

अन्य खेल अधिक खबरें

अन्य खेलParis Olympics: 120 भारतीय एथलीट पेरिस ओलंपिक 2024 के लिए क्वालीफाई करेंगे, नए खेल मंत्री ने दी जानकारी

अन्य खेलLionel Messi Retirement: इंटर मियामी में संन्यास ले लेंगे लियोनेल मेसी, कहा- सब कुछ खत्म होने वाला है

अन्य खेलUttar Pradesh Kabaddi League UPKL 2024: लखनऊ लॉयन ने अर्जुन देसवाल को 3.10 लाख में खरीदा, 120 खिलाड़ियों पर बोली, 11 जुलाई से मैच, जानें कार्यक्रम

अन्य खेलFIFA World Cup 2026 qualifiers: फीफा विश्व कप क्वालीफायर में धांधली!, कतर को जिताने के लिए टीम इंडिया के साथ बेइमानी, विवादास्पद गोल की बदौलत 2-1 से जीत, देखें वो वीडियो

अन्य खेलIndia to host Hockey Junior World Cup: 24 टीम और दिसंबर 2025 में जूनियर हॉकी विश्व कप, चौथी बार मेजबानी, जानिए हॉकी इंडिया के अध्यक्ष दिलीप टिर्की ने क्या कहा