SAIF Championship Final: पदक लेने के दौरान मेइती ध्वज ओढ़कर विवाद में फंसे मणिपुर के खिलाड़ी जैकसन सिंह, जानें पूरा मामला, देखें वीडियो
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 5, 2023 06:51 PM2023-07-05T18:51:28+5:302023-07-05T18:55:53+5:30
SAIF Championship Final: जैकसन सिंह ने जिस ध्वज में स्वयं को लपेटा उसे कांगलेपाक का ध्वज या सलाई तारेत ध्वज कहा जाता है।
बेंगलुरुः राष्ट्रीय फुटबॉल टीम के मणिपुर के खिलाड़ी जैकसन सिंह कुवैत के खिलाफ सैफ चैंपियनशिप फाइनल में भारत की जीत के बाद अपना व्यक्तिगत पदक लेने के दौरान मेइती ध्वज ओढ़कर विवाद में फंस गए हैं।
फीफा 2017 अंडर-17 विश्व कप में गोल के साथ भारत के लिए फीफा आयु वर्ग टूर्नामेंट में गोल करने वाले पहले भारतीय 22 साल के डिफेंसिव मिडफील्डर जैकसन ने हालांकि कहा है कि वह ऐसा करके किसी की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाना चाहते थे। जैकसन ने जिस ध्वज में स्वयं को लपेटा उसे कांगलेपाक का ध्वज या सलाई तारेत ध्वज कहा जाता है।
Jackson Singh must be banned from Indian Football ball.why is he allowed to carry that flag?Why not our beautiful tricolour Flag? This flag he took with him to collect the medal is Meitei Flag which is against the constitution @AIFF_Insider@IndianFootballpic.twitter.com/sCmgURKkDY
— Ginnakuki (@ginchinmang) July 5, 2023
यह एक आयताकार सात रंग का ध्वज है जो प्राचीन मणिपुर की मेइती जाति के सात कबीले राजवंशों का प्रतिनिधित्व करता है। मई में मणिपुर में मेइती और कुकी समुदाय के बीच जातीय झड़पें हुईं जिसके कारण भारत सरकार को क्षेत्र में शांति बहाल करने के लिए सेना तैनात करनी पड़ी। इन झड़पों में 100 से अधिक लोगों की जान चली गई जबकि सार्वजनिक और निजी संपत्ति का बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ।
Jeakson Singh for sure going to create some controversy with this move. The 🇮🇳 defender collects his SAFF championships winners medal wearing what I think is the Kangleipak flag which is synonymous with Meitei nationalism #indianfootball#jacksonsingh what u think? pic.twitter.com/mhPiVKsAih
— its.pankaj420🇮🇳🇺🇸🦅 (@usa_pankaj) July 4, 2023
इसका कारण मेइती समुदाय की कुकी समुदाय की तरह अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की मांग है। आदिवासी समुदाय मेइती समुदाय की मांगों का विरोध कर रहे हैं। जेकसन मेइती कबीले से हैं लेकिन उनके इस कदम की व्यापक आलोचना हुई और सोशल मीडिया पर लोगों ने कई कुकी चर्च को नष्ट करने के बाद सलाई तारेत ध्वज फहराए जाने की तस्वीरें डालीं।
Why is the Meitei Salai Taret flag under which the ethnic cleansing pogrom in Manipur is being carried out being openly displayed on the football pitch among team India in SAFF final? FIFA and AIFF need to take stringent action against Jeakson Singh. No to Racism! pic.twitter.com/Lg3YBBuUsQ
— wildflowers (@NeverAgainMay23) July 4, 2023
जैकसन ने देर रात ट्विटर का सहारा लिया और अपना बचाव किया। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘प्रिय प्रशंसकों, ध्वज के साथ जश्न मनाकर मैं किसी की भावनाओं को आहत नहीं करना चाहता था। मेरा इरादा उन मुद्दों को सामने लाने का था जिनका सामना मेरा गृह राज्य मणिपुर कर रहा है।’’ इससे पहले मैच के बाद ‘ईएसपीएन.इन’ से बात करते हुए जैकसन ने अपने राज्य के लोगों से शांति कायम रखने की अपील की थी।
जैकसन ने कहा, ‘‘यह मेरे मणिपुर का ध्वज है। मैं भारत और मणिपुर में सभी को कहना चाहता हूं कि शांति से रहें और लड़ाई नहीं करें। मैं शांति चाहता हूं। दो महीने हो गये हैं और अब भी झड़प चल रही हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं नहीं चाहता कि इस तरह की चीजें और हों और मैं सिर्फ शांति के लिए सरकार और अन्य लोगों का ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं।
मेरा परिवार सुरक्षित है लेकिन ऐसे कई परिवार हैं जिन्होंने अपना घर और सब कुछ खो दिया है। यहां तक कि मेरे लिए भी इस स्थिति के साथ अभी घर वापस जाना मुश्किल है...यहां तक कि मुझे नहीं पता कि क्या होने वाला है। मुझे उम्मीद है कि चीजें जल्द ही ठीक हो जाएंगी।’’ जब अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) अध्यक्ष कल्याण चौबे से संपर्क किया गया तो उन्होंने इस मुद्दे की संवेदनशील प्रकृति के कारण इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।