लाइव न्यूज़ :

कभी खुद जूते पर एडिडास लिखा था, अब वे मेरे नाम के साथ जूता बनाते है: फर्राटा धाविका हिमा दास

By भाषा | Updated: April 27, 2020 05:36 IST

इंस्टाग्राम पर भारतीय क्रिकेटर सुरेश रैना के साथ बातचीत के दौरान हिमा ने बताया कि ‘‘शुरूआत में मैं नंगे पांव दौड़ती थी। जब मैं पहली बार राष्ट्रीय प्रतियोगिता में हिस्सा ले रही थी तब मेरे पिता मेरे लिए स्पाइक्स वाले जूते ले आये थे। यह सामान्य जूते थे जिस पर मैने खुद से एडिडास लिख दिया था। आप कभी नहीं जानते कि भविष्य में भाग्य क्या कर सकता है, एडिडास अब मेरे नाम के साथ जूते बना रहा है।’’

Open in App
ठळक मुद्देफर्राटा धाविका हिमा दास ने कहा कि उन्होंने ऐसा समय भी देखा है जब वह अपने साधारण जूते पर खुद से एडिडास लिखती थी लेकिन अब खेल सामग्री बनाने वाली यह बड़ी कंपनी उनकी जरूरत के हिसाब से जूते तैयार करती है जिस पर उनका नाम लिखा होता है। इंस्टाग्राम पर भारतीय क्रिकेटर सुरेश रैना के साथ बातचीत के दौरान हिमा ने बताया कि जब वह पहली बार प्रतिस्पर्धी दौड़ में भाग लेने वाली थी तब उनके पिता ने साधारण स्पाइक वाले जूते खरीदे थे।

फर्राटा धाविका हिमा दास ने कहा कि उन्होंने ऐसा समय भी देखा है जब वह अपने साधारण जूते पर खुद से एडिडास लिखती थी लेकिन अब खेल सामग्री बनाने वाली यह बड़ी कंपनी उनकी जरूरत के हिसाब से जूते तैयार करती है जिस पर उनका नाम लिखा होता है।

इंस्टाग्राम पर भारतीय क्रिकेटर सुरेश रैना के साथ बातचीत के दौरान हिमा ने बताया कि जब वह पहली बार प्रतिस्पर्धी दौड़ में भाग लेने वाली थी तब उनके पिता ने साधारण स्पाइक वाले जूते खरीदे थे।

कोविड-19 महामारी के कारण एनआईएस-पटियाला में फंसी 20 साल की इस घाविका ने कहा, ‘‘शुरूआत में मैं नंगे पांव दौड़ती थी। जब मैं पहली बार राष्ट्रीय प्रतियोगिता में हिस्सा ले रही थी तब मेरे पिता मेरे लिए स्पाइक्स वाले जूते ले आये थे। यह सामान्य जूते थे जिस पर मैने खुद से एडिडास लिख दिया था।

आप कभी नहीं जानते कि भविष्य में भाग्य क्या कर सकता है, एडिडास अब मेरे नाम के साथ जूते बना रहा है।’’

हिमा ने फिनलैंड में अंडर-20 विश्व चैम्पियनशिप 2018 में 400 मीटर दौड़ में स्वर्ण जीतकर इतिहास रचा था। इसके बाद जर्मनी की इस शीर्ष कंपनी ने उन्हें अपना ब्रांड दूत बनाया था।

कंपनी ने उनकी जरूरत के हिसाब से जूते बनाए, जिसमें एक तरफ उनका नाम और दूसरी तरफ ‘इतिहास रचें’ लिखा है।

उन्होंने कहा कि लोगों ने 2018 एशियाई खेलों के बाद उनके खेल में ज्यादा दिलचस्पी लेना शुरू किया। इंडोनेशिया में हुए इन खेलों में हिमा ने व्यक्तिगत 400 मीटर में रजत के अलावा महिलाओं की 400 मीटर बाधा दौड़ और 400 मीटर की मिश्रित बाधा दौड़ में स्वर्ण पदक जीता था।

टॅग्स :हिमा दासकोरोना वायरससीओवीआईडी-19 इंडियाखेलएथलेटिक्सलोकमत हिंदी समाचार
Open in App

संबंधित खबरें

भारतदेश की पहली इंडियन पिकल बॉल लीग का शुभारंभ, 6 टीमें कर रही हैं प्रतिभाग, सीएम ने रेखा गुप्ता ने ट्रॉफी का किया अनावरण

अन्य खेलभारत करेगा 2030 में कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी, अहमदाबाद में होगा आयोजन

भारतभारत की महिला टीम ने लगातार दूसरा कबड्डी वर्ल्ड कप खिताब जीता, पीएम मोदी ने शुभकामनाएं भेजीं

भारतWorld Boxing Cup 2025: मीनाक्षी हुड्डा, प्रीति पवार ने वर्ल्ड बॉक्सिंग कप फाइनल्स जीते गोल्ड मेडल

क्रिकेटगिराया जाएगा दिल्ली का जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, बनेगी 102 एकड़ की स्पोर्ट्स सिटी

अन्य खेल अधिक खबरें

अन्य खेलFootball World Cup 2026: यूएस ने वीजा देने से किया इनकार, ईरान फुटबॉल वर्ल्ड कप के ड्रॉ का करेगा बहिष्कार

अन्य खेलराष्ट्रमंडल खेल 2030 : भारत की नई उड़ान!

अन्य खेलWomen's FIH Hockey Junior World Cup: महिला जूनियर हॉकी टीम का ऐलान, भारतीय टीम को लीड करेंगी ज्योति सिंह

अन्य खेलकोग्निवेरा इंटरनेशनल पोलो कप की धूमधाम शुरुआत, 25 अक्टूबर को भारत-अर्जेंटीना में जबरदस्त टक्कर!

अन्य खेलदिल्ली में पोलो इवेंट की शोभा बढ़ाएंगे मशहूर कवि कुमार विश्वास