नयी दिल्ली, सात फरवरी इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) के मौजूदा चरण में रैफरिंग का स्तर काफी खराब रहा है जिससे टूर्नामेंट के हितधारक पीजीएमओएल से ‘विशेषज्ञता मांग’ रहे हैं जो शीर्ष लीगों को मैच अधिकारी मुहैया कराने वाली एक अंतरराष्ट्रीय संस्था है।
ओड़िशा एफसी के मुख्य कोच स्टुअर्ट बैक्सटर ने जमशेदपुर एफसी से मिली हार के बाद रैफरिंग के फैसले की आलोचना करते हुए एक अशोभनीय टिप्पणी की थी।
फिर ईस्ट बंगाल के कोच रॉबी फाउलर को अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) की अनुशासनात्मक समिति ने मौजूदा टूर्नामेंट के दौरान भारतीय रैफरियों के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने का दोषी पाया और उन्हें चार मैचों से प्रतिबंधित कर दिया गया तथा उन पर पांच लाख रूपये का जुर्माना लगाया।
एआईएफएफ महासचिव कुशल दास ने पीटीआई से कहा, ‘‘हम इस संबंध में हमारी मदद के लिये पीजीएमओएल (प्रोफेशनल गेम मैच ऑफिशियल्स लिमिटेड) से विशेषज्ञता मांग रहे हैं। मुझे पूरा भरोसा है कि इन प्रयासों से आने वाले समय में मैच अधिकारियों को सुधार करने में काफी मदद मिलेगी। ’’
पीजीएमओएल का गठन 2001 में रैंफरिंग के स्तर में सुधार के लिये किया गया था और यह प्रीमियर लीग और फुटबाल संघ के अन्य टूर्नामेंट के लिये रैफरी और अन्य मैच अधिकारी मुहैया कराती है।
दास ने कहा, ‘‘एआईएफएफ रैफरी, लीग और टूर्नामेंट विभाग एफएसडीएल (फुटबॉल स्पोर्ट्स डेवलपमेंट लिमिटेड) के साथ संयुक्त रूप से मिलकर रैफरिंग का स्तर सुधारने और संदेहास्पद फैसलों की संख्या को कम करने के लिये संयुक्त रूप से काम कर रहे हैं।
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