तोक्यो, 22 जुलाई भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने गुरुवार को घोषणा की कि वह तोक्यो ओलंपिक खेलों के स्वर्ण पदक विजेता को 75 लाख रुपये और प्रत्येक भागीदार राष्ट्रीय खेल महासंघ (एनएसएफ) को बोनस के तौर पर 25 लाख रुपये देगा, लेकिन इस घोषणा के बाद देश के सर्वोच्च खेल संस्था की अंदरूनी लडा़ई भी खुलकर सामने आ गयी।
आईओए की सलाहकार समिति ने रजत पदक विजेताओं को 40 लाख रुपये और कांस्य पदक विजेताओं को 25 लाख रुपये देने की घोषणा की है।
आईओए ने बयान में कहा, ‘‘इसमें तोक्यो ओलंपिक खेलों में देश का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रत्येक खिलाड़ी को एक लाख रुपये देने की भी सिफारिश की गयी है। ’’
आईओए ने इसके साथ ही प्रत्येक भागीदार एनएसएफ को 25 लाख रुपये और पदक विजेता एनएसएफ को 30 लाख रुपये का अतिरिक्त सहयोग देने के समिति के निर्णय को स्वीकार किया है।
इसके अलावा अन्य राष्ट्रीय खेल महासंघों में से प्रत्येक को 15 लाख रुपये का सहयोग मिलेगा।
आईओए महासचिव राजीव मेहता ने कहा, ‘‘पहली बार आईओए पदक विजेताओं और उनके एनएसएफ को पुरस्कृत करने जा रहा है।’’
सलाहकार समिति ने भारतीय दल के प्रत्येक सदस्य के लिये तोक्यो प्रवास के दौरान प्रतिदिन 50 डॉलर का भत्ता देने की भी सिफारिश की है।
मेहता ने इसके साथ ही कहा कि सदस्य राज्य ओलंपिक संघों में से प्रत्येक को राज्य में बुनियादी खेल ढांचे को विकसित करने और अधिक खिलाड़ियों को खेलों से जोड़ने के लिये 15 लाख रुपये दिये जाएंगे।
लेकिन यह घोषणा होने के तुरंत बाद ही आईओए अध्यक्ष नरिंदर बत्रा ने इस कदम का पूरा श्रेय लेने के लिये मेहता के प्रति अपनी नाराजगी खुलकर जाहिर की जिससे ओलंपिक शुरू होने से ठीक पहले देश की शीर्ष खेल संस्था में मतभेद भी सामने आ गये।
बत्रा ने आईओए की वित्त समिति की बैठक की जानकारी दी जिसके अध्यक्ष अनिल खन्ना ने प्रस्ताव रखे थे।
बत्रा ने आईओए सदस्यों को लिखा, ‘‘यह संदेश-ईमेल आईओए की वित्त समिति के अध्यक्ष अनिल खन्ना की 20 जुलाई 2021 को गयी कुछ सिफारिशों के संदर्भ में भेजे गये ईमेल के संदर्भ में है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं 19 जुलाई को तोक्यो रवाना हो गया था और वित्त समिति के अध्यक्ष द्वारा भेज गये ईमेल के उद्देश्य से मुझे हैरानी नहीं हुई। कार्यकारिणी का एजेंडा महासचिव या वित्त समिति का प्रमुख नहीं बल्कि आईओए अध्यक्ष तय करता है। ’’
आईओए प्रमुख ने कहा कि उन्होंने कोविड-19 महामारी के दूसरी लहर के दौरान सभी सदस्य संघों और एनएसएफ को एकमुश्त विशेष अनुदान देने की चर्चा शुरू की थी।
बत्रा ने लिखा है, ‘‘लेकिन आईओए कार्यकारिणी में चार लोग ऐसे हैं जो हर चीज के लिये श्रेय लेना चाहते हैं और खुद को महिमामंडित करते हैं।’’
खन्ना ने अपने मेल में 25 करोड़ रुपये की प्रायोजन राशि जुटाने के लिये मेहता की प्रशंसा की थी लेकिन बत्रा ने कहा कि यह धनराशि अधिक हो सकती थी।
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