लाइव न्यूज़ :

ऐसा लग रहा है जैसे दुनिया में शीर्ष पर हूं, यह अविश्वसनीय है : अवनि लेखरा

By भाषा | Updated: August 30, 2021 12:16 IST

Open in App

अवनि लेखरा को 2012 में एक कार दुर्घटना में घायल होने के कारण व्हील चेयर का सहारा लेना पड़ा लेकिन सोमवार को पैरालंपिक खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनने के बाद उन्हें लगता है कि जैसे कि वह दुनिया में शीर्ष पर हैं। अवनि ने एक बार में केवल एक शॉट पर ध्यान दिया और महिलाओं की आर-2 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग एसएच1 में पहला स्थान हासिल करके स्वर्ण पदक जीता।उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपनी भावनाओं को व्यक्त नहीं कर सकती। मुझे ऐसा लग रहा है जैसे कि मैं दुनिया में शीर्ष पर हूं। इसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। ’’जयपुर की रहने वाली यह 19 वर्षीय निशानेबाज पैरालंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन गयी हैं। उनकी रीढ़ की हड्डी में 2012 में कार दुर्घटना में चोट लग गयी थी। उन्होंने 249.6 अंक बनाकर विश्व रिकार्ड की बराबरी की। यह पैरालंपिक खेलों का नया रिकार्ड है।फाइनल में शांतचित होकर अपने काम को अंजाम देने वाली अवनि ने कहा, ‘‘मैं स्वयं से यही कह रही थी कि मुझे एक बार केवल एक शॉट पर ध्यान देना है। अभी बाकी कुछ मायने नहीं रखता। केवल एक शॉट पर ध्यान दो। ’’उन्होंने कहा, ‘‘मैं केवल अपने खेल पर ध्यान दे रही थी। मैं स्कोर या पदक के बारे में नहीं सोच रही थी।’’यह भारत का इन खेलों की निशानेबाजी प्रतियोगिता में भी पहला पदक है। तोक्यो पैरालंपिक में भी यह देश का पहला स्वर्ण पदक है। अवनि पैरालंपिक खेलों में पदक जीतने वाली तीसरी भारतीय महिला हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं बहुत खुश हूं कि मैंने अपना योगदान दिया। उम्मीद है कि आगे हम और पदक जीतेंगे। ’’छह साल पहले निशानेबाजी में उतरने के बाद उन्होंने पीछे मुडकर नहीं देखा और इस खेल का पूरा लुत्फ उठाया।उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं राइफल उठाती हूं तो मुझे उसमें अपनापन लगता है। मुझे उसके प्रति जुड़ाव महसूस होता है। निशानेबाजी में आपको एकाग्रता और निरंतरता बनाये रखनी होती है और यह मुझे पसंद है।’’अवनि ने निशानेबाजी से जुड़ने के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘वह 2015 की गर्मियों की छुट्टियों की बात है जब मेरे पिताजी मुझे निशानेबाजी रेंज में ले गये थे। मैंने कुछ शॉट लिये और वे सही निशाने पर लगे। मैंने इसे एक शौक के रूप में शुरू किया था और आज मैं यहां हूं।’’अवनि मिश्रित 10 मीटर एयर राइफल प्रोन एसएच1, महिलाओं की 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन एसएच1 और मिश्रित 50 मीटर राइफल प्रोन में भी हिस्सा लेंगी।एसएच1 राइफल वर्ग में वे निशानेबाज शामिल होते हैं जो हाथों से बंदूक थाम सकते हैं लेकिन उनके पांवों में विकार होता है। इनमें से कुछ एथलीट व्हील चेयर पर बैठकर जबकि कुछ खड़े होकर प्रतिस्पर्धा में भाग लेते हैं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

भारत‘पहलगाम से क्रोकस सिटी हॉल तक’: PM मोदी और पुतिन ने मिलकर आतंकवाद, व्यापार और भारत-रूस दोस्ती पर बात की

भारतPutin India Visit: एयरपोर्ट पर पीएम मोदी ने गले लगाकर किया रूसी राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत, एक ही कार में हुए रवाना, देखें तस्वीरें

भारतPutin India Visit: पुतिन ने राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी, देखें वीडियो

भारतPutin Visit India: राष्ट्रपति पुतिन के भारत दौरे का दूसरा दिन, राजघाट पर देंगे श्रद्धांजलि; जानें क्या है शेड्यूल

भारतपीएम मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन को भेंट की भगवत गीता, रशियन भाषा में किया गया है अनुवाद

अन्य खेल अधिक खबरें

अन्य खेलFootball World Cup 2026: यूएस ने वीजा देने से किया इनकार, ईरान फुटबॉल वर्ल्ड कप के ड्रॉ का करेगा बहिष्कार

अन्य खेलराष्ट्रमंडल खेल 2030 : भारत की नई उड़ान!

अन्य खेलभारत करेगा 2030 में कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी, अहमदाबाद में होगा आयोजन

अन्य खेलWomen's FIH Hockey Junior World Cup: महिला जूनियर हॉकी टीम का ऐलान, भारतीय टीम को लीड करेंगी ज्योति सिंह

अन्य खेलकोग्निवेरा इंटरनेशनल पोलो कप की धूमधाम शुरुआत, 25 अक्टूबर को भारत-अर्जेंटीना में जबरदस्त टक्कर!