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द्रविड़ की देखरेख में एनसीए में कोचों को दी जा रही ‘कॉर्पोरेट शिक्षा’

By भाषा | Updated: August 22, 2021 18:56 IST

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पूर्व दिग्गज खिलाड़ी राहुल द्रविड़ के नेतृत्व में राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) ने कोचिंग कार्यक्रम (पाठ्यक्रम) को नया रूप दिया है जिसमें अब विभिन्न क्षेत्रों से होने वाले चयन दबाव सहित मैदान के बाहर के मुद्दों से निपटने के लिए भविष्य के कोचों के लिए ‘कॉर्पोरेट कक्षाओं’ का आयोजन हो रहा है।प्रथम श्रेणी क्रिकेट में खेल चुके कुछ बड़े खिलाड़ियों ने हाल ही में बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट बोर्ड) के लेवल - दो कोचिंग पाठ्यक्रम में भाग लिया। ये सभी सैद्धांतिक और व्यावहारिक (थ्योरी और प्रैक्टिकल) परीक्षा में  भी शामिल हुए।कोचिंग की आधुनिक जरूरतों को ध्यान में रखते हुए इसके पाठ्यक्रम में बदलाव किये गये है जिसमें ‘कॉर्पोरेट समस्या समाधान कक्षा’ को जगह मिलना आश्चर्यचकित करता है। इसमें पाठ्यक्रम में शामिल लोगों को मैदान के बाहर के विभिन्न मुद्दों और उससे जुड़े हितधारकों से निपटने के तरीके को खोजने के लिए प्रेरित किया जाता है। इस पाठ्यक्रम का हिस्सा रहे प्रथम श्रेणी के एक पूर्व क्रिकेटर ने गोपनीयता की शर्त पर पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘ इस पाठ्यक्रम को मुंबई के पूर्व तेज गेंदबाज शेमल (वेनगांवकर) द्वारा तैयार किया गया है, जो एमबीए है और उन्हें कॉर्पोरेट जगत में काम करने का अनुभव है। मैंने कभी इस तरह की कक्षा में भाग नहीं लिया लेकिन यह बहुत ही अनोखा था और इसने मुझे अपने दृष्टिकोण को व्यापक बनाने में मदद की।’’उन्होंने बताया कि इसमें ‘सौदेबाजी’ और ‘सुलह’ के अंतर को समझाया गया । इसमें बताया गया कि हमें समस्या का समाधान ढूंढने के साथ यह भी देखना होगा कि उसे हल करने का कौन-कौन सा तरीका है।’’उन्होंने बताया ‘‘इसमें कोच के सामने आने वाली विभिन्न समस्याओं का जिक्र था। इसमें यह बताया गया कि कैसे चयनकर्ता कोच से अपनी बात मनवाने की कोशिश करता है। क्या कोच चयनकर्ता को प्रशासकों से मदद लेने के लिए मना सकता है?’’ इस पाठ्यक्रम के दौरान द्रविड़ ने किसी कक्षा का संचालन नहीं किया लेकिन वह छात्र की तरह कोचिंग का प्रशिक्षण लेने वालों के साथ बैठे थे। द्रविड़ के खिलाफ खेल चुके प्रथम श्रेणी के एक अन्य पूर्व खिलाड़ी ने कहा, ‘‘ वास्तव में जब हमें खिलाड़ियों के वीडियो दिखाए जाते थे और समाधान के बारे में बताने के लिए कहा जाता था, तो राहुल भाई भी हमारे साथ जुड़ जाते थे और समस्या का पता लगाने की कोशिश करते थे। वह हमें बताते थे कि वह अभी भी एक छात्र की तरह महसूस करते है और जिस दिन वह सीखना बंद कर देगा, वह दिन इस क्षेत्र में उनका आखिरी दिन होगा।’’पाठ्यक्रम में भाग लेने वाले में रॉबिन बिष्ट, जकारिया जुफरी, प्रभंजन मलिक, उदय कौल, सागर जोगियानी, सरबजीत सिंह, अरिंदम दास, सौराशीष लाहिड़ी, राणादेब बोस, केबी पवन और कोनोर विलियम्स जैसे कुछ पूर्व और वर्तमान खिलाड़ी शामिल हैं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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