सिडनी: दिग्गज भारतीय महिला टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा को शुक्रवार को ऑस्ट्रेलियन ओपन के मिश्रित युगल के फाइनल में हार का सामना करना पड़ा। ब्राजील की लुसा स्टेफनी और राफेल माटोस की जोड़ी ने सानिया मिर्जा और रोहन बोपन्ना की जोड़ी को मिश्रित युगल के फाइनल में 7-6, 6-2 से हराया और अपना पहला ऑस्ट्रेलियन ओपन खिताब जीत लिया।
मैच खत्म होने के बाद सानिया मिर्जा ने ब्राजीलियाई जोड़ी को जीत के लिए बधाई दी और उनके खेल की भी सराहना की। हालांकि, जैसे ही उन्होंने ग्रैंडस्लैम टूर्नामेंट में अपने करियर के बारे में बात करना शुरू किया, वे भावुक हो गईं और आंसूओं को नहीं रोक सकी। सानिया मिर्जा ने पहले ही ऐलान कर दिया था कि ऑस्ट्रेलियन ओपन उनके करियर का आखिरी ग्रैंडस्लैम टूर्नामेंट होगा।
36 साल की टेनिस खिलाड़ी सानिया कह चुकी हैं कि फरवरी में दुबई में होने वाला डब्ल्यूटीए टूर्नामेंट उनके करियर का आखिरी टूर्नामेंट होगा। मैच के बाद सानिया ने कहा, 'मेरा पेशेवर करियर मेलबर्न में शुरू हुआ...मैं अपने ग्रैंडस्लैम करियर को खत्म करने के लिए इससे बेहतर जगह के बारे में नहीं सोच सकती।'
सानिया ने आगे कहा, 'रॉड लेवर अरिना मेरे लिए हमेशा सबसे खास रहा है। मैंने कभी नहीं सोचा था कि अपने बेटे के सामने मैं कोई ग्रैंडस्लैम फाइनल खेलूंगी।'
बता दें कि यह सानिया के करियर का 11वां ग्रैंडस्लैम फाइनल था। सानिया ने अपने करियर में 43 युगल खिताब जीते हैं। इसमें छह ग्रैंडस्लैम खिताब भी शामिल हैं। वह अपने करियर के दौरान महिलाओं के युगल वर्ग में 91 हफ्तों तक दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी भी रही हैं।
सानिया के छह ग्रैंडस्लैम खिताब में से तीन मिश्रित युगल हैं जो उन्होंने महेश भूपति (2209 ऑस्ट्रेलियाई ओपन, 2012 फ्रेंच ओपन) और ब्राजील के ब्रूनो सोरेस (2014 अमेरिकी ओपन) के साथ जीते। सानिया ने अपने तीनों मीहिला युगल ग्रैंडस्लैम खिताब हिंगिस (विंबलडन 2015, अमेरिकी ओपन 2015 और ऑस्ट्रेलियाई ओपन 2016) के साथ मिलकर जीते।
दूसरी ओर बोपन्ना का यह चौथा ग्रैंडस्लैम फाइनल था। उनके नाम एक ग्रैंडस्लैम खिताब है। उन्होंने 2017 में हंगरी की टिमिया बाबोस के साथ खेलते हुए फ्रेंच ओपन जीता था।