एशियन गेम्स: मंजीत सिंह-सिंधु ने 10वें दिन को बनाया ऐतिहासिक, जानिए दिन भर में किन खेलों से आये मेडल
By विनीत कुमार | Published: August 28, 2018 09:02 PM2018-08-28T21:02:56+5:302018-08-28T23:16:01+5:30
भारत की झोली में अभी 9 गोल्ड, 19 सिल्वर समेत 22 ब्रॉन्ज मेडल हैं और वह पदक तालिका में एक स्थान ऊपर 8वें स्थान पर पहुंच गया है।
जकार्ता/पालेमबांग: इंडोनेशिया में जारी 18वें एशियन गेम्स के 10वें दिन भारत ने पदकों का अर्धशतक पूरा कर लिया। भारत की झोली में अभी 9 गोल्ड, 19 सिल्वर समेत 22 ब्रॉन्ज मेडल हैं और वह पदक तालिका में एक स्थान ऊपर 8वें स्थान पर पहुंच गया है। एशियाई खेलों के 10वें दिन भारत की झोली में एक गोल्ड समेत 6 सिल्वर और दो ब्रॉन्ज मेडल आये।
एथलेटिक्स में फिर छाये भारतीय एथलीट
भारत के मंजीत सिंह ने 800 मीटर रेस में बाजी मारते हुए भारत की झोली में 9वां गोल्ड मेडल डाला। एथलेटिक्स से इस एशियाई खेल में भारत की झोली में ये तीसरा गोल्ड है। इससे पहले तेजिंदरपाल सिंह शॉट पुट में और नीरज चोपड़ा जेवलिन थ्रो में गोल्ड जीत चुके हैं। बहरहाल, 800 मीटर रेस में ही जिनसन जॉनसन ने भारत के लिए सिल्वर मेडल जीता। मंजीत ने 1.46.15 का समय लेते हुए दौड़ पूरी की। वहीं, दूसरे स्थान पर रहे जॉनसन ने 1.46.35 का समय निकाला।
1962 में हुए एशियन गेम्स में मिल्खा सिंह और मक्खन सिंह के बाद ये पहली बार है जब ट्रैक एक फील्ड में भारत के दो एथलीटों ने एक ही स्पर्धा में दो मेडल जीते हैं। साथ ही एशियन गेम्स में 1982 के बाद पहली बार 800 मीटर स्पर्धा में भारत की झोली में गोल्ड मेडल आया है।
भारतीय एथलीटों का जलवा यही नहीं थमा और एशियाई खेलों में पहली बार शामिल किये गये मिक्स्ड 4x400 मीटर रिले स्पर्धा में भी उन्होंने सिल्वर मेडल जीता। भारतीय टीम की ओर से मोहम्मद अनस, पुवमा राजू, हिमा दास और राजीव अरोकिया ने तीन मिनट 15.71 सेकेंड का समय निकालते हुए ये मेडल जीता।
यह पहली बार है जब इस स्तर के किसी खेल प्रतियोगिता में मिक्स्ड 4x400 मीटर रिले को शामिल किया गया है। माना जा रहा है कि भविष्य में ओलंपिक में भी इस खेल को शामिल किया जा सकता है।
हालांकि, इन सबके बीच महिला एथलेटिक्स से जरूर एक निराश करने वाली खबर आई जहां हिमा दास 200 मीटर रेस के सेमीफाइनल में डिस्क्वॉलिफाई हो गईं। हिमा गन शॉट की आवाज से पहले ही दौड़ने के लिए निकल गई थीं और इस वजह से उन्हें बाहर होना पड़ा। वैसे दुती चंद ने सेमीफाइनल-1 में पहले स्थान पर रहते हुए फाइनल में क्लॉलिफाई करने के साथ भारत की चुनौती को 200 मीटर में बरकरार रखा है।
बैडमिंटन में पीवी सिंधु ने जीता ऐतिहासिक मेडल
भारत को दिन का पहला मेडल बैडमिंटन से आया। महिला एकल के फाइनल में पीवी सिंधु को चीनी ताइपे की ताइ जू यिंग से 21-13, 21-16 से हार मिली लेकिन उन्होंने इतिहास जरूर रच दिया। सिंधु एशियन गेम्स के व्यक्तिगत बैडमिंनट स्पर्धा के इतिहास मे सिल्वर मेडल जीतने वाली भारत की पहली खिलाड़ी बन गईं। साइना नेहवाल को कल (27 अगस्त) सेमीफाइनल में हार मिली थी और वे 1982 के बाद व्यक्तिगत स्पर्धा में ब्रॉन्ज जीतने वाली पहली भारतीय बनी थीं।
तीरंदाजी में दो सिल्वर
भारत ने एशियन गेम्स के दसवें दिन मंगलवार को तीरंदाजी (आर्चरी) में दो सिल्वर मेडल जीते। भारत ने ये दोनों मेडल महिला और पुरुष कम्पाउंड टीम इवेंट में जीते। भारत की महिला और पुरुष दोनों ही टीमों को फाइनल में कोरिया के हाथों शिकस्त मिली। भारतीय पुरुष टीम ने 2014 एशियन गेम्स में भी इस स्पर्धा में सिल्वर मेडल जीता जबकि महिला टीम ने पिछली बार इस इवेंट में ब्रॉन्ज जीता लेकिन इस बार प्रदर्शन सुधारते हुए सिल्वर जीता है।
ज्योति सुरेखा वेन्नम, मधुमिता कुमारी और मुस्कान किरा वाली भारतीय महिला टीम को कोरिया ने 228-231 से मात दी जबकि पुरुष टीम 229-229 से स्कोर बराबर करवाने के बाद शूटआउट में कोरिया से ही मुकाबला हारते हुए सिल्वर मेडल ही जीत पाई। भारत की ओर से पुरुषों के कम्पाउंड टीम में रजत चौहान, सैनी अमन और अभिषेक वर्मा चुनौती पेश कर रहे थे।
टेबल टेनिस से आया पहली बार ब्रॉन्ज
भारतीय पुरुष टेबल टेनिस टीम को सेमीफाइनल में दक्षिण कोरिया से हारकर ब्रॉन्ज मेडल से संतोष करना पड़ा। सेमीफाइनल मुकाबले में साउथ कोरिया की टीम ने भारत को 3-0 से हराकर फाइनल में जगह बनाई। एशियन गेम्स के इतिहास में यह पहली बार है जब भारत की टेबल टेनिस टीम सेमीफाइनल में पहुंची थी। पुरुष टेबल टेनिस टीम ने पहली बार एशियन गेम्स में कोई मेडल अपने नाम किया है। इससे पहले भारत कभी टेबल टेनिस में पदक नहीं जीत पाया था। लंबे समय तक चीन (61 स्वर्ण), जापान (20) और दक्षिण कोरिया (10) का ही इस खेल में दबदबा रहा है।
कुराश से मिले दो मेडल
भारत की पिंकी बलहारा ने कुराश के महिलाओं के 52 किग्रा वर्ग सिल्वर मेडल जीता जबकि मालाप्रभा यलप्पा जाधव ने ब्रॉन्ज मेडल पर कब्जा किया।भारत की 19 साल की पिंकी फाइनल में स्वर्ण पदक की दावेदार उजबेकिस्तान की गुलनोर सुल्यामानोवा से 0-10 से हार गयी और उन्हें रजत पदक से संतोष करना पड़ा। वहीं, यलप्पा सेमीफाइनल मुकाबले में सुल्यामानोवा से 10-0 से हार गयीं और उन्हें कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा था।