मुंबईः महाराष्ट्र सरकार चाहे तो आज की तारीख में दो लाख युवाओं को रोजगार दे सकती है, लेकिन 'लागत घटाने' का संक्रामक रोग सरकार में भी जगह बना चुका है इसलिए यह संभव नहीं हो पाता है. तत्कालीन फड़नवीस सरकार ने भी मेगा भर्ती का ऐलान किया था, लेकिन आगे कुछ हुआ नहीं. मौजूदा ठाकरे सरकार ने भी रोजगार देने का वादा तो किया है. देखें आगे क्या होता है.
आरटीआई कार्यकर्ता नितिन यादव ने राज्य सरकार से जिला परिषदों और अन्य सरकारी विभागों में कुल रिक्तियों की जानकारी मांगी थी. इस पर सरकार ने उन्हें जानकारी दी है कि विभिन्न विभागों में 31 दिसंबर 2019 तक कुल 2 लाख 193 पद रिक्त थे.
सरकार की ओर से जो जानकारी मुहैया कराई गई है उसके मुताबिक सीधी भर्ती और पदोन्नति को मिलाकर विभिन्न विभागों में 10 लाख 91 हजार 104 पद स्वीकृत हैं. इनमें से फिलहाल 8 लाख 98 हजार 911 पदों पर लोग कार्यरत हैं. इस प्रकार 2 लाख 911 पद अब भी खाली हैं. इन पदों में विभिन्न निगम और एसटी निगम शामिल नहीं हैं.
इतनी रिक्तियां होते हुए भी फड़नवीस सरकार ने पांच वर्षों तक भर्ती नहीं की. इससे जाहिर होता है कि सरकार पैसा बचाने के लिए रिक्तियां नहीं भर रही है. इसका परिणाम बाकी स्टाफ के काम पर हो रहा है.
रिक्त पदों का विभागवार ब्योरा इस प्रकार है
गृह विभाग: 15,034सार्वजनिक आरोग्य: 14,140जलसंपदा विभाग: 14,735कृषि विभाग: 4041उच्च एवं तकनीकी शिक्षा: 3243महसूल एवं वन: 7109वित्त विभाग: 2826आदिवासी विभाग: 6380स्कूली शिक्षा एवं खेल: 2604पीडब्ल्यूडी: 6939सहकार एवं विपणन: 1913वस्त्रोद्योग विभाग: 128सामाजिक न्याय विभाग: 2136उद्योग विभाग: 1088श्रम विभाग: 821अन्न एवं नागरी आपूर्ति: 1594जलापूर्ति एवं सफाई: 919विधि एवं न्याय विभाग: 658नगरविकास विभाग: 961नियोजन विभाग: 337कौशल्य विकास एवं उद्यमिता: 3219ग्रामविकास विभाग: 69पर्यटन विभाग: 208सामान्य प्रशासन: 1075गृहनिर्माण विभाग: 279अल्प संख्याक विभाग: 16पर्यावरण विभाग: 2मराठी भाषा विभाग: 44