मुंबई: महाराष्ट्र में मराठा समुदाय को शैक्षिक संस्थानों और सरकारी नौकरियों में आरक्षण देने की मांग को लेकर चल रहा आंदोलन रोज तेज होता जा रहा है। शनिवार को लातूर में अपनी मांगों को लेकर विभिन्न संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया और जन प्रतिनिधियों की सांकेतिक शव यात्रा निकाली। पुलिस ने मामले में हस्तक्षेप किया और प्रदर्शनकारियों से सांकेतिक शव यात्रा में इस्तेमताल की जाने वाली सामग्री छीनकर अपने कब्जे में ले ली।
प्रदर्शन में शामिल लोगों ने कहा कि मराठा समुदाय के निर्वाचित प्रतिनिधि निष्प्रभावी हैं और वे आरक्षण के लिए सरकार पर दबाव नहीं बना रहे हैं। मराठा क्रांति मोर्चा के पदाधिकारियों ने दावा किया कि स्कूल, कॉलेज और कोचिंग प्रबंधन से संस्थानों को बंद करने की अपील की गई थी जिसपर अच्छी प्रतिक्रिया मिली है। विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेने वाले कई लोगों ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार को तुरंत समुदाय को आरक्षण देना चाहिए।
बता दें कि जालना जिले में एक सितंबर को आंदोलनकारियों पर पुलिस की कार्रवाई के बाद मराठा समुदाय को आरक्षण देने की मांग ने तूल पकड़ लिया है। पुलिस ने अंतरवाली सारथी गांव में आरक्षण की मांग को लेकर अनशन पर बैठे एक व्यक्ति को अस्पताल भेजने की कोशिश की और विरोध करने पर लाठीचार्ज किया जिसके बाद वहां हिंसा भड़क गई। हिंसा में 40 पुलिसकर्मियों सहित कई लोग घायल हुए थे, जबकि राज्य परिवहन की 15 बसों में आग लगा दी गई थी।
इस मामले पर राजनीति भी शुरू हो गई है। शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट के अलावा एनसीपी, कांग्रेस भी इसे सरकार को घेरने के मौके के रूप में देख रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राष्ट्रीय सचिव पंकजा मुंडे आंदोलन के पक्ष में आई हैं। पंकजा मुंडे ने शनिवार को कहा कि मराठा समुदाय को आरक्षण के मुद्दे पर महज आश्वासन नहीं, बल्कि ठोस कार्रवाई चाहिए। मुंडे ने इस मुद्दे पर जारी गतिरोध को समाप्त करने के लिए महाराष्ट्र सरकार को प्रदर्शनकारियों से सकारात्मक बातचीत करने का अनुरोध किया।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले जालना जिले में एक सितंबर को आंदोलनकारियों पर पुलिस की कार्रवाई के लिए महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस जिम्मेदार ठहरा चुकी हैं। हालांकि देवेन्द्र फडणवीस इस मामले में माफी मांग चुके हैं। राज्य सरकार भी मामले की गंभीरता को समझती है। यही कारण है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे मराठा समुदाय को आरक्षण देने की प्रतिबद्धता व्यक्त कर चुके हैं। शिंदे कह चुके हैं कि हम खामियों का पता लगाएंगे और चीजों को ठीक करेंगे और अन्य वर्गों के आरक्षण को प्रभावित किए बिना मराठा समुदाय के लिए आरक्षण सुनिश्चित करेंगे। हालांकि तमाम प्रयासों के बाद भी आंदोलन थमता नहीं दिख रहा है।