लोकसभा चुनाव 2019ः करीबी रिश्तेदारों के क्षेत्र में डटे हुए हैं प्रमुख पार्टियों के नेता, इन दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: April 7, 2019 07:58 AM2019-04-07T07:58:55+5:302019-04-07T12:02:34+5:30

विधानसभा में विपक्ष के नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल की स्थिति विचित्र है. वे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं, लेकिन उनके पुत्र सुजय अहमदनगर से भाजपा के उम्मीदवार हैं. सीनियर विखे अपने पुत्र के प्रचार में जुटे हुए हैं. वे भाजपा के मंच पर नहीं जाते, लेकिन प्रचार के लिए समानांतर व्यवस्था तैयार कर ली है.

Lok Sabha Elections 2019: Leading Party Leaders In The Electoral Areas Of Close Relatives | लोकसभा चुनाव 2019ः करीबी रिश्तेदारों के क्षेत्र में डटे हुए हैं प्रमुख पार्टियों के नेता, इन दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर

लोकसभा चुनाव 2019ः करीबी रिश्तेदारों के क्षेत्र में डटे हुए हैं प्रमुख पार्टियों के नेता, इन दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर

Highlightsअजित पवार का पूरा परिवार मावल में पार्थ के लिए प्रचार में जुटा हुआ है. इसके अलावा बारामती में सुप्रिया सुले के लिए भाई अजितदादा दिन-रात एक कर रहे हैं.लोकसभा चुनाव को लेकर देवेंद्र फडणवीस सरकार के कुछ मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव लगी हुई है.

यदु जोशी, मुंबईः राज्य की सभी प्रमुख पार्टियों के नेता जिस-जिस लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से करीबी रिश्तेदार चुनाव मैदान में हैं वहां डटे हुए हैं और अपनी प्रतिष्ठा दांव पर लगा दी है. अजित पवार का पूरा परिवार मावल में पार्थ के लिए प्रचार में जुटा हुआ है. इसके अलावा बारामती में सुप्रिया सुले के लिए भाई अजितदादा दिन-रात एक कर रहे हैं. विधानसभा में विपक्ष के नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल की स्थिति विचित्र है. वे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं, लेकिन उनके पुत्र सुजय अहमदनगर से भाजपा के उम्मीदवार हैं.

सीनियर विखे अपने पुत्र के प्रचार में जुटे हुए हैं. वे भाजपा के मंच पर नहीं जाते, लेकिन प्रचार के लिए समानांतर व्यवस्था तैयार कर ली है. इसी निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा के अहमदनगर जिले की राहुरी के विधायक शिवाजीराव कर्डिले के दामाद विधायक संग्राम जगताप राकांपा के उम्मीदवार हैं. विखे ने पार्टीनिष्ठा को धता बता दिया है, लेकिन कर्डिले पार्टीनिष्ठा कायम रखते हुए भाजपा के प्रत्याशी सुजय विखे का प्रचार कर रहे हैं. बीड़ में भाजपा की प्रीतम मुंडे के खिलाफ राकांपा के बजरंग सोनवणे हैं. लेकिन वास्तविक मुकाबला ग्रामविकास मंत्री पंकजा मुंडे और उनके चचेरे भाई व विधान परिषद में विपक्ष नेता धनंजय मुंडे के बीच हो रहा है.

मारपीट की विविध घटनाओं से यह पता चलता है कि यहां मुकाबला कितना कड़ा है. बहन की प्रचार की कमान संभाल रही पंकजा मुंडे बीड़ में ज्यादा से ज्यादा समय देने के बाद अन्य निर्वाचन क्षेत्रों में भी भाजपा के प्रचार के लिए जा रही है. कल्याण के सांसद श्रीकांत शिंदे के प्रचार की जिम्मेदारी उनके पिता और राज्य के स्वास्थ्य व सार्वजनिक उपक्रम मंत्री एकनाथ शिंदे संभाल रहे हैं. इसके अलावा ठाणे का शिवसेना का गढ़ कायम रखने की भी जिम्मेदारी उन पर है. रावेर में रक्षा खड़से फिर से चुनाव मैदान में है. उनके लिए पूर्व मंत्री एकनाथ खड़से ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है.

नासिक में भतीजे समीर भुजबल का राजनीतिक भविष्य तय करने वाले चुनाव के लिए छगन भुजबल भी अपना पूरा जोर लगा रहे हैं. भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सांसद रावसाहब दानवे अपने दामाद हर्षवर्धन जाधव के कारण पेंच में फंस गए हैं. दानवे स्वयं जालना से चुनाव लड़ रहे हैं. कन्नड़ के विधायक हर्षवर्धन जाधव ने औरंगाबाद से निर्दलीय के रूप में नामांकन भरकर शिवसेना के चंद्रकांत खैरे की नाक में दम कर दिया है. दामाद को समझाने में दानवे की कसरत हो रही है. भाजपा को डर है कि यदि हर्षवर्धन ने उम्मीदवारी कायम रखी यो जालना के शिवसैनिक असहयोग करेंगे.

फडणवीस सरकार के मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर

लोकसभा चुनाव को लेकर देवेंद्र फडणवीस सरकार के कुछ मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव लगी हुई है. इनमें राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटिल (कोल्हापुर, सांगली, माढ़ा), सुधीर मुनगंटीवार (चंद्रपुर, वर्धा), सुभाष देशमुख, विजय देशमुख (सोलापुर, माढ़ा), संभाजी पाटिल निलंगेकर (लातूर), गिरीश महाजन (जलगांव), प्रकाश मेहता (उत्तर-पूर्व मुंबई), विनोद तावड़े (उत्तर मुंबई) शामिल हैं।

English summary :
Lok Sabha Elections 2019 Maharashtra Political Condition: Veteran Leaders of all the major political parties (Like BJP and Congress) in the Maharashtra state who have close relatives contesting from the Lok Sabha constituency have put their reputation on the stake are campaigning with full efforts for the Lok Sabha Elections.


Web Title: Lok Sabha Elections 2019: Leading Party Leaders In The Electoral Areas Of Close Relatives