जकिया की याचिका: सांप्रदायिक हिंसा ज्वालामुखी के लावा के समान, सिब्बल ने न्यायालय में कहा

By भाषा | Published: November 10, 2021 04:57 PM2021-11-10T16:57:26+5:302021-11-10T16:57:26+5:30

Zakia's petition: Communal violence is like volcanic lava, Sibal told the court | जकिया की याचिका: सांप्रदायिक हिंसा ज्वालामुखी के लावा के समान, सिब्बल ने न्यायालय में कहा

जकिया की याचिका: सांप्रदायिक हिंसा ज्वालामुखी के लावा के समान, सिब्बल ने न्यायालय में कहा

नयी दिल्ली, 10 नवंबर वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय में कहा कि सांप्रदायिक हिंसा ज्वालामुखी से निकलने वाले लावा की तरह है जो जमीन पर दाग छोड़ देता है। सिब्बल 2002 के दंगों के दौरान गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी सहित 64 लोगों को ‘एसआईटी’ की क्लीनचिट को चुनौती देने वाली जकिया जाफरी की ओर से दलीलें दे रहे थे।

सिब्बल ने न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर, न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति सी टी रविकुमार की पीठ से कहा कि सांप्रदायिक हिंसा भविष्य में बदला लेने के लिए एक "उपजाऊ जमीन" है और उन्होंने भी पाकिस्तान में अपने नाना-नानी को खो दिया था।

उन्होंने कहा, ‘‘सांप्रदायिक हिंसा ज्वालामुखी से निकलने वाले लावा के समान है। यह संस्थागत हिंसा है... लावा पृथ्वी पर दाग छोड़ देता है। यह भविष्य में बदला लेने के लिए एक उपजाऊ जमीन है।’’

भावुक सिब्बल ने जाफरी की याचिका पर सुनवाई कर रही पीठ से कहा, "मैंने पाकिस्तान में अपने नाना-नानी को खो दिया था।"

सिब्बल ने कहा कि वह किसी पर आरोप नहीं लगा रहे हैं, लेकिन विश्व को एक संदेश दिया जाना चाहिए कि यह "अस्वीकार्य" है और "इसे सहन नहीं किया जा सकता।’’ उन्होंने कहा कि यह एक "ऐतिहासिक मामला" है क्योंकि चयन इन दोनों में से एक के बीच है कि यह सुनिश्चित होगा कि कानून का शासन कायम रहेगा या लोगों को छोड़ दिया जाएगा।

जाफरी दिवंगत कांग्रेस नेता एहसान जाफरी की पत्नी हैं जिनकी 28 फरवरी 2002 को हिंसा के दौरान अहमदाबाद के गुलबर्ग सोसाइटी में हत्या कर दी गई थी। उसके एक दिन पहले गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस के एक डिब्बे में आग लगने से 59 लोगों की मौत हो गई थी और गुजरात में दंगे हुए थे।

उच्चतम न्यायालय ने 26 अक्टूबर को कहा था कि वह 64 व्यक्तियों को क्लीन चिट देने वाली विशेष जांच दल (एसआईटी) की ‘क्लोजर रिपोर्ट’ और मजिस्ट्रेट अदालत द्वारा दिए गए औचित्य पर गौर करना चाहेगा।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Zakia's petition: Communal violence is like volcanic lava, Sibal told the court

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे