राष्ट्रपति चुनाव से पहले यशवंत सिन्हा ने द्रौपदी मुर्मू से की खास अपील, ट्वीट कर कही ये बात
By मनाली रस्तोगी | Published: July 4, 2022 04:55 PM2022-07-04T16:55:40+5:302022-07-04T16:57:27+5:30
जब से यशवंत सिन्हा की उम्मीदवारी की घोषणा की गई है तब उन्होंने बार-बार इस बात पर जोर दिया है कि राष्ट्रपति के रूप में वह मोदी सरकार के 'अधिनायकवाद' और संविधान पर 'हमले' का विरोध करेंगे और वह राष्ट्रपति भवन में 'रबर स्टैंप' नहीं बनेंगे।
नई दिल्ली: आगामी राष्ट्रपति चुनाव से पहले संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने सोमवार को भाजपा के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ राजग की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू से एक प्रतिज्ञा लेने का आग्रह किया है। सिन्हा ने मुर्मू से यह प्रतिज्ञा करने का आग्रह किया कि यदि वह जीतती हैं तो वह सत्तारूढ़ सरकार की 'रबर स्टैंप' नहीं बनेंगी।
इसी क्रम में उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, "सभी भारतीयों के बेहतर भविष्य को सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रपति को ईमानदारी से काम करना चाहिए।
मैं प्रतिज्ञा करता हूं कि राष्ट्रपति के रूप में चुने जाने पर मैं सरकार के लिए रबर स्टैंप नहीं बल्कि संविधान के एक निष्पक्ष संरक्षक के रूप में काम करूंगा। मैं भाजपा के उम्मीदवार से भी यही प्रतिज्ञा करने का आग्रह करता हूं।"
To ensure a better future for all Indians, the Rashtrapati must work conscientiously.
— Yashwant Sinha (@YashwantSinha) July 4, 2022
I pledge that, upon being elected as President, I’ll serve as an impartial Custodian of the Constitution; not a rubber stamp for the govt.
I urge the BJP’s candidate to make the same pledge. pic.twitter.com/0kIxGNCMKa
बता दें कि जब से यशवंत सिन्हा की उम्मीदवारी की घोषणा की गई है तब उन्होंने बार-बार इस बात पर जोर दिया है कि राष्ट्रपति के रूप में वह मोदी सरकार के 'अधिनायकवाद' और संविधान पर 'हमले' का विरोध करेंगे और वह राष्ट्रपति भवन में 'रबर स्टैंप' नहीं बनेंगे। हालांकि, भारत का राष्ट्रपति देश का सर्वोच्च संवैधानिक कार्यालय है, लेकिन लगातार राष्ट्रपति पर उस समय की सरकार का 'पक्षपात' करने का आरोप लगाया गया है।
ऐसा इसलिए है क्योंकि वह केंद्र सरकार द्वारा 'नामित' है और इसलिए भी कि कार्यपालिका के रूप में यह सत्तारूढ़ व्यवस्था है जो वास्तविक अधिकार का प्रयोग करती है। मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पर भी अक्सर मोदी सरकार की 'कठपुतली' होने का आरोप लगाया जाता रहा है। इस मामले में द्रौपदी मुर्मू पर भी पहले से ही इस मुद्दे को लेकर ताना मारा जा रहा है। मालूम हो, राष्ट्रपति चुनाव 18 जुलाई को होना है।