नयी दिल्ली, 30 जून दिल्ली के जल मंत्री सत्येंद्र जैन ने बुधवार को कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण ‘‘सुस्ती’’ के बावजूद पांच साल में यमुना की सफाई करने की दिल्ली सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना पटरी पर है।
दिल्ली में यमुना नदी के पानी में तैरते जहरीले झाग के दृश्य पिछले कुछ दिनों के दौरान सोशल मीडिया पर साझा किए गए हैं, जिस पर लोगों की असंख्य प्रतिक्रियाएं और टिप्पणियां आ रही हैं।
जैन ने कहा कि नदी में प्रदूषण को रोकने के लिए सरकार ने पहले ही नवीनतम बीआईएस मानकों के अनुरूप खरा नहीं उतरने वाले साबुन और डिटर्जेंट की बिक्री, भंडारण, परिवहन तथा विपणन पर प्रतिबंध लगा दिया है।
अधिकारियों के अनुसार, यमुना में जहरीले झाग के बनने का प्राथमिक कारण अपशिष्ट जल में फॉस्फेट की उच्च मात्रा है, जो रंगाई उद्योगों, कपड़ा धोने वाले घाटों और घरों में इस्तेमाल होने वाले डिटर्जेंट से बनता है।
मंत्री ने कहा, ‘‘नवीनतम मानकों के अनुरूप साबुन और डिटर्जेंट पर प्रतिबंध धीरे-धीरे यमुना में प्रदूषण पर प्रभाव डालेगा।’’
जैन ने कहा, ‘‘हमने कहा था कि हम इस कार्यकाल (आप सरकार का वर्तमान कार्यकाल) में यमुना को पूरी तरह से साफ कर देंगे। कोविड-19 महामारी के कारण परियोजना पर काम थोड़ा धीमा हो गया है, लेकिन अभी भी साढ़े तीन साल बाकी हैं। हम इसे पूरा करेंगे।
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