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विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेलाः बिहार सरकार का निर्णय, कोरोना कहर के कारण इस बार नहीं, गया के पंडों और दुमानदारों की होती थी कमाई

By एस पी सिन्हा | Updated: August 19, 2020 18:02 IST

गया प्रशासन ने कोरोना के कारण इस बार मेला का आयोजन नहीं करने का फैसला लिया है. इसको लेकर आदेश जारी कर दिया गया है. इस मेले में कई देशों से विदेशी भी अपने पूर्वजों को पिंडदान करने आते हैं.

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ठळक मुद्देकोरोना के कारण इस बार मेला का आयोजन नहीं करने का फैसला लिया गया है. इसको लेकर आदेश जारी कर दिया गया है.उल्लेखनीय है कि हर साल इस मेले का आयोजन राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की ओर से कराया जाता है. विभाग ने जनहित में पितृपक्ष मेला स्थगित करने का फैसला लिया है. यह मेला 2 सितंबर से शुरू होने वाला था.

पटनाः विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला का आयोजन इस साल नहीं होगा. कोरोना के कारण इस बार मेला का आयोजन नहीं करने का फैसला लिया गया है. इसको लेकर आदेश जारी कर दिया गया है.

इस मेले में कई देशों से विदेशी भी आते हैं. गया प्रशासन ने कोरोना के कारण इस बार मेला का आयोजन नहीं करने का फैसला लिया है. इसको लेकर आदेश जारी कर दिया गया है. इस मेले में कई देशों से विदेशी भी अपने पूर्वजों को पिंडदान करने आते हैं.

उल्लेखनीय है कि हर साल इस मेले का आयोजन राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की ओर से कराया जाता है. लेकिन विभाग ने जनहित में पितृपक्ष मेला स्थगित करने का फैसला लिया है. यह मेला 2 सितंबर से शुरू होने वाला था. बिहार सरकार ने कोरोना संकट को देखते हुए पहले से ही बिहार में 6 सितंबर तक लॉकडाउन भी लगा दिया है. ऐसे में इस बार मेला नहीं होगा.

आयोजन करने वाले विभाग ने भी अपने आदेश में केंद्रीय गृह मंत्रालय और बिहार सरकार के आदेश का हवाला दिया है. यहां बता दें कि बिहार के गया में हर साल करीब 6 लाख से अधिक लोग इस मेले के दौरान पिंडदान करने आते हैं. लोग इस पितृपक्ष में अपने पितरों को मोक्ष दिलाने के लिए आते हैं.

गया में यह मेला करीब एक माह तक चलता है. इस मेले से हजारों गया के पंडों की कमाई होती है. इसके अलावे छोटे दुकान से लेकर बडे दुकान और होटलों की कमाई का जरिया होता है. गया में यह मेला करीब एक माह तक चलता है. इस मेले से हजारों गया के पंडों की कमाई होती है.

इसके अलावे छोटे दुकान से लेकर बडे़ दुकान और होटलों की कमाई का जरिया होता है. लेकिन इस बार मेला का आयोजन नहीं होने से हजारों लोगों को परेशानी होगी और आर्थिक संकट का सामना करना पडे़गा, क्योंकि इस मेले का एक साल तक इंतजार होता है. नहीं होने से हजारों लोगों को परेशानी होगी और आर्थिक संकट का सामना करना पडे़गा. इस मेले का एक साल तक इंतजार होता है.

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