Women's Reservation Bill: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक-तिहाई आरक्षण सुनिश्चित करने वाले 128वें संविधान संशोधन विधेयक के संसद से पारित होने को देश की लोकतांत्रिक यात्रा का ‘एक ऐतिहासिक क्षण’ बताया। पीएम मोदी भाजपा मुख्यालय पहुंचे।
पीएम मोदी ने कहा कि मैं आज देश की हर माता को, बहन को, बेटी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। कल और परसो हम सबने एक नया इतिहास बनते देखा है और हम सबका सौभाग्य है कि ये इतिहास बनाने का अवसर कोटि-कोटि जनों ने हमें दिया है।आज हर नारी का आत्मविश्वास आसमान छू रहा है। पूरे देश की माताएं, बहनें और बेटियां आज खुशी मना रही हैं, हम सबको आशीर्वाद दे रही हैं।
संसद के दोनों सदनों द्वारा 'नारी शक्ति वंदन अधिनियम' रिकॉर्ड मतों से पारित किया जा चुका है। जिस बात का देश को पिछले कई दशकों से इंतजार था, वो सपना अब सच हुआ है। कभी-कभी किसी निर्णय में देश के भाग्य को बदलने की क्षमता होती है। आज हम सभी ऐसे ही एक निर्णय के साक्षी बने हैं।
आने वाली अनेकों पीढ़ियों तक इस निर्णय और इस दिवस की चर्चा होगी। मैं पूरे देश को 'नारी शक्ति वंदन अधिनियम' संसद के दोनों सदनों में भारी बहुमत से पारित होने की बहुत बहुत बधाई देता हूं। लोकसभा एवं राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण देने संबंधी संविधान (एक सौ अट्ठाईसवां संशोधन) विधेयक, 2023’ को राज्यसभा ने मंजूरी दे दी।
इसके साथ ही इस विधेयक को संसद की मंजूरी मिल गई। लोकसभा ने बुधवार को ही इसे मंजूरी दे दी थी। मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘हमारे देश की लोकतांत्रिक यात्रा में एक निर्णायक क्षण! 140 करोड़ भारतीयों को बधाई।’’ उन्होंने इस विधेयक के पक्ष में मतदान करने वाले सभी सदस्यों का आभार जताया और कहा कि इस तरह का सर्वसम्मत समर्थन वास्तव में खुशी देने वाला है।
उन्होंने कहा, ‘‘संसद में नारी शक्ति वंदन विधेयक के पारित होने के साथ, हम भारत की महिलाओं के लिए मजबूत प्रतिनिधित्व और सशक्तिकरण के युग की शुरुआत कर रहे हैं। यह केवल एक विधेयक नहीं है, यह उन अनगिनत महिलाओं के लिए एक श्रद्धांजलि है जिन्होंने हमारे राष्ट्र को बनाया है। भारत उनके लचीलेपन और योगदान से समृद्ध हुआ है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘जैसा कि हम आज जश्न मना रहे हैं, हमें अपने राष्ट्र की सभी महिलाओं की ताकत, साहस और अदम्य भावना की याद आती है। यह ऐतिहासिक कदम यह सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता है कि उनकी आवाज को और भी प्रभावी ढंग से सुना जाए।’’