मणिपुर हिंसा की भेंट चढ़ रही महिलाएं, वीडियो कांड के बाद एक और गैंगरेप की घटना आई सामने
By अंजली चौहान | Published: August 10, 2023 01:58 PM2023-08-10T13:58:16+5:302023-08-10T14:01:15+5:30
मणिपुर के चुराचांदपुर जिले की एक 37 वर्षीय विवाहित महिला ने आरोप लगाया कि उसे पुरुषों के एक समूह ने पकड़ लिया - जब वह अपने दो बेटों, भतीजी और भाभी के साथ अपने जलते हुए घर से भाग रही थी - और 3 मई को उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया।
इंफाल: मणिपुर में मई महीने की शुरुआत से शुरू हुई जातीय झड़पों में कई लोगों के घर उजड़ गए और कई लोग मारे गए हैं। इस हिंसा का शिकार महिलाएं बनी जिनके साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटनाएं सामने आ रही है।
समाचार वेबसाइट एनडीटीवी के अनुसार, मणिपुर में महिलाओं को नग्न घुमाने वाले वीडियो के अलावा भी कई महिलाओं के साथ गैंगरेप और बर्बरता की गई है। इनमें से ज्यादातर मामले ऐसे हैं जिनके लिए कोई एफआईआर तक दर्ज नहीं हुई।
एनडीटीवी के मुताबिक, एक राहत शिविर में रह रही पीड़िता ने पुलिस में मामला दर्ज कराया है और अपने साथ हुए यौन उत्पीड़न का खुलासा किया।
मणिपुर में अधिक से अधिक महिलाएं पुलिस के पास आ रही हैं और अपने साथ हुए चौंकाने वाले कष्टों और बर्बरता के बारे में बता रही हैं क्योंकि अधिकारी उन्हें बोलने के लिए हिम्मत दे रहे हैं।
गौरतलब है कि मणिपुर के चुराचांदपुर जिले की एक 37 वर्षीय विवाहित महिला ने आरोप लगाया कि उसे पुरुषों के एक समूह ने पकड़ लिया - जब वह अपने दो बेटों, भतीजी और भाभी के साथ अपने जलते हुए घर से भाग रही थी। इस गिरोह ने उन्हें पकड़ लिया और 3 मई को बलात्कार किया।
3 मई वही दिन है जब मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदाय के बीच हिंसा भड़क गई थी। उन्होंने कहा कि महिलाओं द्वारा अपने साथ हुई भयावहता के बारे में बोलने की खबरें देखने के बाद उन्हें पुलिस के पास जाने का साहस जुटाया।
महिला ने कहा, "मैंने अपनी और अपने परिवार की इज्जत बचाने और सामाजिक बहिष्कार से बचने के लिए घटना का खुलासा नहीं किया। इस शिकायत को दर्ज करने में देरी सामाजिक कलंक के कारण हुई... मैं यहां तक कि खुद को खत्म करना चाहती थी।" उनका बयान बुधवार को बिष्णुपुर पुलिस स्टेशन में दर्ज 'जीरो एफआईआर' के साथ संलग्न है।
वह अब आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों के लिए एक राहत शिविर में रह रही है। मामला भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376डी, 354, 120बी और 34 के तहत दर्ज किया गया है।
क्या लिखा एफआईआर में?
एफआईआर के अनुसार, 3 मई को शाम 6.30 बजे, भीड़ ने महिला और उसके पड़ोसियों के घरों को जलाना शुरू कर दिया जिसके बाद वह, उसके दो बेटे, भतीजी और भाभी जितनी तेजी से भाग सकते थे भागे।
महिला ने कहा, "मैंने अपनी भतीजी को अपनी पीठ पर बिठाया और अपने दोनों बेटों को भी पकड़ लिया और अपनी भाभी के साथ घटनास्थल से भागने लगी। वह भी अपनी पीठ पर एक बच्चे को लेकर मेरे आगे दौड़ रही थी। तभी मैं लड़खड़ा गई और गिर गई।"
महिला ने 'जीरो एफआईआर' में कहा, ''मैं सड़क पर थी और उठने में असमर्थ थी... मेरी भाभी मेरी ओर दौड़ती हुई वापस आई और मेरी भतीजी को मेरी पीठ से उठाया और मेरे जोर देने पर अपने दोनों बेटों के साथ भाग गई।''
महिला ने बताया कि जब वह उठ खड़ी हुई तो वहां लोगों की भीड़ जुट गई। उन पुरुषों ने पीड़िता को पकड़ लिया उसे गालियां दी और मारपीट करनी शुरू कर दी। इसके बाद पुरुषों के समूह ने महिला के साथ बलात्कार किया।
इसके बाद महिला की हालत गंभीर हो गई और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। महिला फिलहाल राहत शिविर में रह रही है।
मालूम हो कि पिछले महीने, मणिपुर में पुरुषों के एक समूह द्वारा दो महिलाओं को सड़क पर नग्न घुमाने का एक भयानक वीडियो सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से साझा किया गया था। जिसकी बड़े पैमाने पर निंदा की गई और कार्रवाई की मांग की गई। वीडियो में दिख रहे आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
मणिपुर पुलिस ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 3 मई से 30 जुलाई तक लगभग तीन महीने की अवधि के बीच 6,500 से अधिक पुलिस मामले दर्ज किए गए हैं।
एनडीटीवी के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत एक पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस मामलों का सबसे बड़ा हिस्सा "आगजनी, लूटपाट और घरेलू संपत्ति को नष्ट करना" श्रेणी के तहत दर्ज किया गया है।