मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह को क्यों नहीं हटाया गया? गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में दिया जवाब
By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: August 9, 2023 19:25 IST2023-08-09T19:24:13+5:302023-08-09T19:25:29+5:30
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफे के सवाल पर अमित शाह ने कहा कि राज्य में हिंसा की शुरुआत होने के अगले दिन से ही सीएम केंद्र के साथ सहयोग कर रहे हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री को हटाने या सरकार बर्खास्त करके राष्ट्रपति शाषन लगाने का कोई सवाल ही नहीं पैदा होता।

मैं मणिपुर मुद्दे पर चर्चा के लिए पहले दिन से ही तैयार था- लोकसभा में अमित शाह
नई दिल्ली : संसद के मानसून सत्र में विपक्षी दलों द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान लोकसभा में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मणिपुर मामले पर जवाब दिया। लोकसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मैं पहले दिन से ही मणिपुर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार था, लेकिन विपक्ष कभी चर्चा नहीं करना चाहता था। गृहमंत्री ने कहा कि विपक्ष नहीं चाहता कि मैं बोलूं, लेकिन वे मुझे चुप नहीं करा सकते। 130 करोड़ लोगों ने हमें चुना है इसलिए उन्हें हमारी बात सुननी होगी। हमारी सरकार के पिछले छह वर्षों के दौरान, वहां कर्फ्यू की आवश्यकता कभी नहीं पड़ी।
#WATCH | I agree that there have been incidents of violence in Manipur. No one can support such incidents. Doing politics on these incidents is shameful: Home Minister Amit Shah on violence in Manipur pic.twitter.com/9qaP8s59PV
— ANI (@ANI) August 9, 2023
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफे के सवाल पर अमित शाह ने कहा कि राज्य में हिंसा की शुरुआत होने के अगले दिन से ही सीएम केंद्र के साथ सहयोग कर रहे हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री को हटाने या सरकार बर्खास्त करके राष्ट्रपति शाषन लगाने का कोई सवाल ही नहीं पैदा होता। अमित शाह ने कहा कि 3 मई को जब हिंसा की शुरुआत हुई उसके तुरंत बाद ही केंद्र ने वहां के डीजीपी को बदल दिया। केंद्रीय बलों की तैनाती की और एक सुरक्षा अधिकारी को वहां भेजा जो सभी बलों के साथ तालमेल करते हुए वहां स्थिति को नियंत्रण मे लाने के अभियान का नेतृत्व करेगा।
हिंसा पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मैं मानता हूं कि मणिपुर में हिंसा की घटनाएं हुई हैं। ऐसी घटनाओं का कोई भी समर्थन नहीं कर सकता। इन घटनाओं पर राजनीति करना शर्मनाक है। गृह मंत्री ने बताया कि मणिपुर में 36000 से ज्यादा सुरक्षाबल तैनात हैं।
इसके अलावा अमित शाह ने वामपंथी उग्रवाद और पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद पर भी बात की। आतंकवाद और नक्सलवाद पर अंकुश लगाने के लिए मोदी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि छत्तीसगढ़ में नक्सली अब सिर्फ 3 जिलों तक ही सीमित रह गए हैं। अमित शाह ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के दौरान पाकिस्तान को 'आतंक फ़ैलाने' की कीमत चुकानी पड़ी है।
उन्होंने कहा, "यूपीए की सरकारों के दौरान जहां सरहाद पार से घुसपैठ आम बात थी, कोई भी कहीं से भी देश में घुस कर आतंक की कार्रवाई करता था। मोदी सरकार के नेतृत्व में, हमारी ज़मीन पर आतंक फैलाने के लिए पाकिस्तान को कीमत चुकाने के लिए मजबूर किया गया। ये संभव सिर्फ मोदी सरकार में ही संभव हुआ।"