लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के केंद्र सरकार में शामिल होने के बाद अब जल्दी पार्टी को नया अध्यक्ष बनाना होगा। भाजपा के अध्यक्ष पद पर जेपी नड्डा का कार्यकाल पिछले साल जनवरी में ही समाप्त हो गया था, पार्टी ने उनको लोकसभा चुनाव तक के लिए विस्तार दिया था। अब वह केंद्र सरकार में मंत्री बन गए हैं, ऐसे में पार्टी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर चर्चा शुरू हो गई। कहा जा रहा है कि पार्टी के अधिकांश वरिष्ठ नेताओं के सरकार में शामिल होने से अब पार्टी नए चेहरे को संगठन की कमान सौंप सकती है।
इस चेहरे का चयन संघ (आरआरएस) की सलाह से ही किया जाएगा। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में यूपी के प्रभारी रहे ओम माथुर और यूपी के सह प्रभारी रहे सुनील बंसल का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है। सुनील बंसल के नेतृत्व में भाजपा ने यूपी में वर्ष 2014, 2017 और 2019 में हुए चुनावों में शानदार सफलता हासिल की थी। इसके अलावा उनके अलावा विनोद तावड़े का नाम भी चर्चा में है।
फिलहाल भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष वही बनेगा, जिसके पक्ष में संघ खड़ा होगा। ऐसा दावा करने वाले भाजपा नेताओं का कहना है कि चूंकि भाजपा का प्रदर्शन लोकसभा चुनाव में उसके तमाम दावों के अनुसार नहीं रहा है। उत्तर प्रदेश में भी भाजपा मात्र 33 सीटें ही जीत सकी और अयोध्या के जिस राम मंदिर के निर्माण को लेकर संघ और उसके संगठन विश्व हिन्दू परिषद तथा बजरंग दल ने वर्षों तक देश में आंदोलन चलाया, उस अयोध्या की फैजाबाद सीट भी भाजपा हार गई, इसलिए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पर उस व्यक्ति को लाना जरूरी है जो उत्तर प्रदेश में पार्टी के संगठन को मजबूत करने में सक्षम हो।
ऐसे नेताओं में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ओमप्रकाश माथुर, ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष के. लक्ष्मण, विनोद तावड़े तथा पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री और ओडिशा, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल के प्रभारी सुनील बंसल का लिया जा रहा है। कहा जा रहा है कि बतौर सीनियर नेता ओम माथुर और युवा ऊर्जावान नेता के तौर पर संघ के तमाम पदाधिकारी सुनील बंसल के पक्ष में है।
यूपी के भाजपा नेताओं की इच्छा :
ओम माथुर और सुनील बंसल दोनों ने ही अपनी मेहनत से भाजपा के पक्ष में हर बार बेहतर रिजल्ट दिया है। वर्ष 2014 में ओम माथुर और सुनील बंसल की जोड़ी ने यूपी में भाजपा को बड़ी जीत दिलाई थी, इसके बाद इसी जोड़ी ने भाजपा यूपी में भाजपा की पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनवाई थी। सुनील बंसल का नाम राजस्थान विधानसभा चुनाव में भाजपा की बड़ी जीत के बाद खूब उछला था। भाजपा का राष्ट्रीय महामंत्री बनाए जाने के बाद सुनील बंसल को ओडिशा, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल का प्रभारी बनाया गया।
ओडिशा के क्षेत्रीय संगठन को मजबूत बनाकर सुनील बंसल ने भाजपा को लोगों के बीच पहुंचा दिया। उसी का नतीजा है कि ओडिशा के विधानसभा और लोकसभा चुनाव में भाजपा को शानदार जीत मिली। इस नाते संघ के प्रमुख लोग भी यह चाहते हैं कि सुनील बंसल की ज़िम्मेदारी में इजाफा किया जाए। अब देखना यह है कि संघ और भाजपा का शीर्ष नेतृत्व इस मामले में क्या फैसला लेता है। फिलहाल यूपी भाजपा नेताओं की यह इच्छा है कि ओम माथुर या सुनील बंसल में से ही किसी को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जाए।