पटनाः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि मेरा प्रोफेशन क्रिकेट में था। लोग हमें भले ही इंडिया में खेलते हुए नहीं देखे हों, लेकिन मैदान में भागते हुए तो देखा ही होगा। लेकिन प्रधानमंत्री जी को चाय बेचते हुए किसने देखा है?” तेजस्वी यादव ने कहा कि पहले टेलीफोन से बात होती थी और आज वीडियो कॉल की सुविधा है।
लेकिन इसमें सरकार की कोई भूमिका नहीं है। उस समय संसाधन और बजट सीमित थे। वहीं, बिहार में बढ़ते अपराध को लेकर उन्होंने कहा कि बिहार में अपराधियों का मनोबल इतना बढ़ गया है कि वे राजधानी की सड़कों से लेकर गांव-गांव तक निडर होकर घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि पटना में डीएम और एसपी के आवास से कुछ ही दूरी पर हत्या हो जाती है।
सचिवालय के सामने गोलियां चलती हैं, लेकिन पुलिस अपराधियों को पकड़ने में असफल रहती है। तेजस्वी यादव ने नाबालिग बच्चियों के साथ दुष्कर्म और हत्या जैसी घटनाओं को लेकर भी सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रदेश की कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है। जदयू पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि संजय झा और उनकी पार्टी वास्तव में भाजपा के एजेंट की तरह काम कर रहे हैं।
तेजस्वी यादव ने कहा कि गरीबों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर काम जरूर हुए, लेकिन केंद्र से बिहार को कितना सहयोग मिला? कोई बताए कि पिछले 11 साल में बिहार में कितने कारखाने लगाए गए। तेजस्वी यादव ने कहा कि लालू प्रसाद यादव ने हर बजट में रेलवे का किराया कम किया और 90000 करोड़ रुपये का मुनाफा भी रेलवे को दिया।
वहीं, शिक्षा और स्वास्थ्य पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि बिहार में जितने विश्वविद्यालय और कॉलेज 2005 से पहले बने, आज भी सबसे ज्यादा छात्र वहीं पढ़ते हैं। तेजस्वी यादव ने कहा कि मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों की स्थिति भी वही है, जिनका निर्माण 2005 से पहले हुआ था। मधेपुरा मेडिकल कॉलेज का उदाहरण देते हुए कहा कि केवल इमारत खड़ी की गई है, लेकिन न डॉक्टर हैं, न इंजीनियर, न प्रोफेसर हैं।