Bihar LS polls 2024: बिहार भाजपा के प्रभारी व राष्ट्रीय सचिव विनोद तावड़े ने अपनी सियासी सूझबूझ से बिहार में एनडीए के बीच एक बार फिर से नई जान फूंक दी है। जदयू के द्वारा भाजपा से नाता तोड़ लेने के बाद एकला चलो के मुहिम के साथ आगे बढ़ रही भाजपा को लोकसभा चुनाव से पहले यह अहसास हो गया था कि एकला चलो का राह लोकसभा चुनाव में आसान नहीं होगा। उधर एनडीए का साथ छोड़कर राजद के साथ गए जदयू की भी नैया डगमगाने लगी थी। राजद से उचित सम्मान नहीं मिलने की आहट मिलते ही जदयू को भी भाजपा की कमी महसूस होने लगी थी।
ऐसे में विनोद तावड़े ने वक्त के नजाकत को भांपते हुए गर्म लोहे पर हथौड़ा चला दिया और बिहार में एक बार फिर से एनडीए ताकतवर बनकर उभर गया। बता दें कि भाजपा आलाकमान ने विनोद तावड़े को बिहार का प्रभारी उस वक्त बनाया था, जब नीतीश कुमार धोखा देकर महागठबंधन के साथ चले गए थे। ऐसे मुश्किल वक्त में तावड़े ने ना सिर्फ पार्टी में बिखराव को रोका बल्कि एनडीए का भी दायरा बढ़ाया।
हाल यह था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जब एनडीए में वापसी हुई तब चिराग पासवान, उपेंद्र कुशवाहा और जीतन राम मांझी तीनों अलग राह चुनने की तैयारी करने लगे थे। लेकिन विनोद तावड़े ने सभी को एकजुट रखने में कामयाबी हासिल की। यही नही एनडीए में सीट शेयरिंग के दौरान मचे घमासान को भी संभालने में उनकी अहम भूमिका रही।
वहीं जब रालोजपा प्रमुख पशुपति कुमार पारस नाराज हुए तो उन्हें भी संभाल लिया। पारस के साथ उनके भतीजे प्रिंस राज पासवान को भी अलग राह पकड़ने नही दिया। यही नहीं वक्त बे वक्त वह विपक्ष को भी झटके पर झटका देते जा रहे हैं और कई नेताओं को भाजपा में शामिल कराने की मुहिम में वह आगे हैं।
उन्होंने झारखंड में शिबू सोरेन के परिवार में भी सेंधमारी कर दी और उनकी बड़ी बहू सीता सोरेन को भाजपा में शामिल करा लिया। बिहार के भी कई नेताओं को भाजपा में शामिल करा रहे हैं। जानकारों की मानें तो विनोद तावड़े की काबिलियत को देखते हुए ही भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उन्हें बिहार की जिम्मेवारी सौंपी थी।
उन्हें बिहार में मिशन 2024 की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इससे पहले वह हरियाणा और पश्चिम बंगाल में भी पार्टी की जिम्मेदारियों को सफलतापूर्वक निभा चुके थे। मूलरूप से महाराष्ट्र के रहने वाले विनोद तावड़े भाजपा राष्ट्रीय सचिव हैं। कहा जाता है कि वह बचपन से ही संघ से जुड़े हुए हैं। महाराष्ट्र में वह संगठन और सरकार दोनों में अपनी भूमिका निभा चुके हैं। विनोद तावड़े को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का करीबी भी माना जाता है।